TODAY छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित तोरवा थाने में साल 2017 में दर्ज एक नाबालिग से गैंग रेप के मामले में एडीजे तृतीय कोर्ट ने अपना फैसला सूना दिया है। दस वर्षीया मासूम के साथ गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने चारों आरोपियों को सजा सुनाई है जिसमें तीन अरोपियों को तीस साल का कारावास जबकि एक अरोपी को 25 साल कैद की सजा सुनाई गई है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
शुक्रवार देर शाम एडीजे संजीव तामक की अदालत ने गैंगरेप के मामले में फैसला सुनाया है। दस वर्षीया मासूम बच्ची के साथ गैंगरेप के मामले में दोनों पक्षों की दलीलें, पुलिस के द्वारा प्रस्तुत किये गए साक्ष्य को देखने सुनने के बाद अदालत ने चारों आरोपियों को दोषी पाया। गैंग रेप के आरोपियों में एक अरोपी पुलिस विभाग का मुलाज़िम हुआ करता था जिसे सेवा से बर्ख़ास्त कर दिया गया था। बर्खास्त पुलिस कर्मी पर शराब की अवैध तरीके से बिक्री के अलावा आर्म्स एक्ट के कई मामले भी दर्ज हैं।
मिली जानकारी के अनुसार साल 17 फरवरी 2017 में तोरवा थाने में एक दस वर्षीय मासूम ने इस बात की शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसके साथ चार लोगों चरण सिंह चौहान पिता नारायण सिंह चौहान देवरीडीह उम्र 28 साल, ईश्वर ध्रुव पिता जेठू उम्र 25 साल देवरी खुर्द, फेकू उर्फ नागेश्वर रजक पिता उमेंद्र रजक देवरी खुर्द और मनोज वाडेकर पिता सुरेश वाडेकर 30 साल ने अनाचार किया है। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई आरंभ की । इसमें दो आरोपियों चरण सिंह चौहान और ईश्वर ध्रुव की गिरफ़्तारी तोरवा पुलिस ने 24 घंटे के भीतर कर ली थी, जबकि एक अन्य आरोपी फेंकू उर्फ नागेश्वर रजक की गिरफ़्तारी 23 फऱवरी को हुई थी। बलात्कार के इस प्रकरण के प्रमुख आरोपी की गिरफ़्तारी में पुलिस को काफी मशक्क्त करनी पड़ी। गैंगरेप का मास्टरमाइंड मनोज वाडेकर की गिरफ़्तारी तोरवा पुलिस ने 22 मार्च 2017 को की ।
इस संबंध में विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी शराब बिक्री का अवैध कारोबार करते थे। इस मामले की शिकायत पीड़िता के पिता ने पुलिस से की थी। बताया गया है कि आरोपी इसी बात से क्षुब्ध थे और बदला लेने की मनःस्थिति बनाकर मासूम को उठाकर चेकडेम की ओर से ले गए जहां चारो ने बारी-बारी से उसके साथ अनाचार किया । इस मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए गैंगरेप के आरोपियों को अधिकतम तीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। बलात्कार के मामले में न्यायालय ने मुख्य आरोपी मनोज वाडेकर को तीस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। बलात्कार के जघन्य और घिनौने अपराध में लिप्त आरोपी ईश्वर और नागेश्वर को भी तीस-तीस वर्ष की सजा दी गई है वहीँ चौथे आरोपी चरण सिंह चौहान को 25 वर्ष का कारावास होगा।
शुक्रवार देर शाम एडीजे संजीव तामक की अदालत ने गैंगरेप के मामले में फैसला सुनाया है। दस वर्षीया मासूम बच्ची के साथ गैंगरेप के मामले में दोनों पक्षों की दलीलें, पुलिस के द्वारा प्रस्तुत किये गए साक्ष्य को देखने सुनने के बाद अदालत ने चारों आरोपियों को दोषी पाया। गैंग रेप के आरोपियों में एक अरोपी पुलिस विभाग का मुलाज़िम हुआ करता था जिसे सेवा से बर्ख़ास्त कर दिया गया था। बर्खास्त पुलिस कर्मी पर शराब की अवैध तरीके से बिक्री के अलावा आर्म्स एक्ट के कई मामले भी दर्ज हैं।
मिली जानकारी के अनुसार साल 17 फरवरी 2017 में तोरवा थाने में एक दस वर्षीय मासूम ने इस बात की शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसके साथ चार लोगों चरण सिंह चौहान पिता नारायण सिंह चौहान देवरीडीह उम्र 28 साल, ईश्वर ध्रुव पिता जेठू उम्र 25 साल देवरी खुर्द, फेकू उर्फ नागेश्वर रजक पिता उमेंद्र रजक देवरी खुर्द और मनोज वाडेकर पिता सुरेश वाडेकर 30 साल ने अनाचार किया है। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई आरंभ की । इसमें दो आरोपियों चरण सिंह चौहान और ईश्वर ध्रुव की गिरफ़्तारी तोरवा पुलिस ने 24 घंटे के भीतर कर ली थी, जबकि एक अन्य आरोपी फेंकू उर्फ नागेश्वर रजक की गिरफ़्तारी 23 फऱवरी को हुई थी। बलात्कार के इस प्रकरण के प्रमुख आरोपी की गिरफ़्तारी में पुलिस को काफी मशक्क्त करनी पड़ी। गैंगरेप का मास्टरमाइंड मनोज वाडेकर की गिरफ़्तारी तोरवा पुलिस ने 22 मार्च 2017 को की ।
इस संबंध में विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी शराब बिक्री का अवैध कारोबार करते थे। इस मामले की शिकायत पीड़िता के पिता ने पुलिस से की थी। बताया गया है कि आरोपी इसी बात से क्षुब्ध थे और बदला लेने की मनःस्थिति बनाकर मासूम को उठाकर चेकडेम की ओर से ले गए जहां चारो ने बारी-बारी से उसके साथ अनाचार किया । इस मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए गैंगरेप के आरोपियों को अधिकतम तीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। बलात्कार के मामले में न्यायालय ने मुख्य आरोपी मनोज वाडेकर को तीस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। बलात्कार के जघन्य और घिनौने अपराध में लिप्त आरोपी ईश्वर और नागेश्वर को भी तीस-तीस वर्ष की सजा दी गई है वहीँ चौथे आरोपी चरण सिंह चौहान को 25 वर्ष का कारावास होगा।