[TODAY छत्तीसगढ़] / सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला मध्यस्थता के लिए सौंप दिया। सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफ एम कलीफुल्ला को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता करने वाले पैनल का मुखिया नियुक्त किया है। साथ ही मध्यस्थता के लिए दो अन्य सदस्य श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू होंगे। एक हफ्ते के अंदर यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अदालत ने कहा है कि चार हफ्ते के अंदर मध्यस्थता पैनल को बताना होगा कि बात कहां तक पहुंची।
अदालत का कहना है कि मध्यस्थता की प्रक्रिया कैमरे के सामने की जाएंगी। यह प्रक्रिया फैजाबाद में होंगी। जिसका नेतृत्व जस्टिस कलीफुल्ला करेंगे। पैनल को आठ हफ्तों के अंदर पूरी रिपोर्ट देनी होगी। साथ ही चार हफ्तों में यह प्रक्रिया शुरू करनी होगी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, 'अदालत की निगरानी में मध्यस्थता कार्यवाही गोपनीय होगी।'
Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case: Supreme Court says— ANI (@ANI) March 8, 2019
mediation process has to start within four weeks and to be completed within eight weeks. pic.twitter.com/zWY82T09Xx
यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी मध्यस्थता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मध्यस्थता से आज इस मामले को कोई हल नहीं हो सका है। उत्तर प्रदेश के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। अगर यह मामला आपसी बातचीत से सुलझाया जा सकता है तो इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती।
AIMPLB member & convener of Babri Masjid Action Committee Zafaryab Jilani, on SC order on Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case: We have already said that we will cooperate in the mediation. Now, whatever we have to say, we will say it to the mediation panel, not outside pic.twitter.com/sEAcBDPP7z— ANI (@ANI) March 8, 2019
KP Maurya,Dy CM on SC refers Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case for court appointed&monitored mediation:Won't question SC order. In the past,efforts made to arrive at a solution,but with no success. No LordRam devotee or saint wants delay in construction of Ram Mandir pic.twitter.com/aNUy1eqdj1— ANI UP (@ANINewsUP) March 8, 2019
निर्मोही अखाड़े से जुड़े लोगों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले में मध्यस्थता का आदेश देने का स्वागत किया है। वहीं, महंत राजू दास का कहना है कि क्या अयोध्या में संत नहीं थे जो मध्यस्थता के लिए श्री श्री रविशंकर को भेजा जा रहा है। साफ पता चल रहा है कि मामले को फिर से लटकाने की कोशिश हो रही है। इनपुट-अमर उजाला