[TODAY छत्तीसगढ़] / शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर में भर्ती मरीज़ की मौत के मामले में परिजनों की शिकायत के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने 48 घंटे के भीतर जाँच प्रतिवेदन मँगाया और प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए गए जूनियर रेसीडेंट समेत तीन को निलंबित करने का आदेश दे दिया। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग, महानदी भवन से आज आदेश कर दिया गया है ।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मामला 3 जनवरी का बताया जा रहा है जबकि आज तड़के करीब पौने तीन बजे हरीश गुप्ता नामक मरीज़ की मौत हो गई, परिजनों का आरोप था कि मरीज़ के ईलाज में गंभीर लापरवाही बरती गई है । परिजनों ने इलाज में बरती जा रही लापरवाही की शिकायत स्थानीय विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से की। चूँकि मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर की दुर्दशा और मरीज़ों के प्रति असंवेदऩशीलता के कई मामलों पर सिंहदेव पहले भी नाराज़गी दिखाते रहे हैं, इस कारण उन्होंने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया। शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कलेक्टर सरगुजा को मामले की जांच कर 48 घंटे के भीतर जांच प्रतिवेदन सौंपने का आदेश जारी किया।
स्वास्थ्य मंत्री का आदेश मिलते ही कलेक्टर सारांश मित्तर ने जांच शुरू करवाई और तय समय-सीमा के भीतर रिपोर्ट सिंहदेव को दे दी गई। कलेक्टर की जांच रिपोर्ट में बताया गया की मरीज़ हरीश गुप्ता के उपचार में नर्स श्रीमती प्रीति सिंह और आईसीयू की स्टाफ़ नर्स कुमारी गायत्री यादव के द्वारा लापरवाही बरती गई, वहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आईसीयू में तैनात डॉ ललित अग्रवाल जूनियर रेसींडेंट आईसीयू में मौजूद ही नही थे। कलेक्टर की रिपोर्ट मिलते ही आज स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने डॉ ललित अग्रवाल जूनियर रेसींडेंट और दोनों नर्स को निलंबित करने का आदेश दे दिया। इस तरह की कारवाही प्रदेश के उन अफसरों और कर्मचारियों के लिए बड़ा सबक होगी जो पिछले कई वर्षों से नौकरी को मनमाफिक कर रहे थे।
