[TODAY छत्तीसगढ़] / नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने रविवार को बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें ‘परेशान' करने की कोशिश की जा रही है. देश में भीड़ हिंसा पर प्रतिक्रिया देने और गैर सरकारी संगठनों पर सरकार की तरफ से की जा रही कथित कार्रवाई के खिलाफ एमनेस्टी इंडिया के लिए एक वीडियो में आने की वजह से शाह विवादों में आ गए हैं. सेन ने कहा कि अभिनेता को ‘परेशान' करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वीडियो में शाह ने शुक्रवार को कहा कि जो अधिकारों की मांग कर रहे हैं, उन्हें कैद किया जा रहा है. सेन ने कहा, ''हमें अभिनेता को परेशान करने की इस तरह की कोशिशों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए'' देश में जो कुछ हो रहा है, वह आपत्तिजनक है और इसे जरूर रोका जाना चाहिए.''
बता दें कि शाह ने कुछ दिन पहले एक बयान जारी कर कहा था कि जिस तरह से देश में हालात होते जा रहे हैं ऐसे में उन्हें भी यह डर सताने लगा है कि कल कहीं उनके बच्चों को भी कोई हिंदू और मुसलमान बताकर मार न दें. नसीरुद्दीन शाह के इस बयान के बाद जमकर बवाल हुआ था. इस विवाद के बात शाह ने एक बार फिर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है, वह किसी के लिए भी अच्छा नहीं है.
शाह ने कहा था कि हमारे देश का संविधान हमें बोलने, सोचने, किसी भी धर्म को मानने और इबादत करने की आजादी देता है. लेकिन, अब देश में मजहब के नाम पर नफरतों की दीवार खड़ी की जा रही है. जो लोग इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें इसकी सजा दी जाती है. एमनेस्टी इंडिया ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें वह जिसमें वह कह रहे हैं कि हमारे देश का संविधान हमें बोलने, सोचने, किसी भी धर्म को मानने और इबादत करने की आजादी देता है. लेकिन, अब देश में मजहब के नाम पर नफरतों की दीवार खड़ी की जा रही है. जो लोग इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें इसकी सजा दी जाती है.
TWITTER से -
अमर्त्य सेन के बयान पर अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोगों और मीडिया में कई बाते कही जाने लगी हैं। ट्वीटर पर कुछ लोगों ने अमर्त्य सेन की बातों का समर्थन किया है तो कई लोग उनके बयान को मोदी सरकार की खिलाफत मान रहें हैं।
लो जी कर लो बात देश को बदनाम नसीरूद्दीन कर रहे हैं और अमरत्यसेन कह रहे हैं कि नसीर बाबू को परेशान किया जा रहा है अभिव्यक्ति की आज़ादी केवल बाबू की है लोगों को कुछ कहने का अधिकार नहीं है - क्या कहते हैं आप— Vijay Shankar Tiwari (@VijayVst0502) January 7, 2019
परत अवॉर्ड वापस गॅंग सक्रिय होताना दिसत आहे आता अमर्त्य सेन ला सुद्धा परेशान करत आहेत म्हणे https://t.co/QsYhIxvdmP— Ajay kulkarni (@ajaysatrekar) January 7, 2019
नसीरुद्दीन शाह, एमनेस्टी इंटरनेशनल/इंडिया, फोर्ड फाउंडेशन, अर्बन नक्सल, आमिर, जावेद अख्तर, अमर्त्य सेन आदि लोगों ने कभी माओ, स्तालिन, लेनिन, पोलपोट आदि वामपंथी नेताओं द्वारा राजनैतिक, जातिगत, क्षेत्रगत,नस्लवादी असहिष्णुता के कारण किये गए नरसंहारों के विरोध में कुछ कहा है ? pic.twitter.com/hLaEmyr9xy— JAGJIVAN JOT SINGH (@jagjivanjot) January 7, 2019
Opinion- नरेंद्र मोदी को फिर पीएम बनने से क्यों रोकना चाहते हैं अमर्त्य सेन?https://t.co/gg903ZpltW— News18 India (@News18India) August 28, 2018
नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर भाजपा ने पलटवार करते हुए उन्हें समाज को गुमराह करने वाला बताया है..https://t.co/uH5niUk9mg— आज तक (@aajtak) August 27, 2018