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झीरम घाटी हत्याकांड 2013 : सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्याय का दरवाजा खोलने जैसा - भूपेश

 '2018 से पहले जिन्होंने झीरम के सबूत जेब में होने का दावा किया था उनका क्या होगा' - डॉक्टर रमन  


रायपुर । 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  झीरम कांड पर सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने  ट्वीट करते हुए लिखा कि फैसला न्याय का दरवाजा खोलने जैसा है - 

कांग्रेस के हमले पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सलाहकार विनोद वर्मा के बयानों पर द्वीट कर डॉ. सिंह ने कहा कि "हाँ ! दाऊ @bhupeshbaghel जी इस मामले की जाँच से षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश होना चाहिए। लेकिन यह तो बताइए कि 2018 से पहले जिन्होंने झीरम के सबूत जेब में होने का दावा किया था उनका क्या होगा ? 5 साल तक आपने तो झीरम जैसे गंभीर मुद्दे का राजनीतिक लाभ लिया लेकिन अब भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश की व्यवस्था के अनुरूप इस पूरी घटना की न्यायिक जाँच होगी।" 

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झीरम घाटी हत्याकांड : NIA की अपील याचिका खारिज, छत्तीसगढ़ पुलिस इस हमले में षडयंत्र की जांच करेगी - सुप्रीम कोर्ट

फ़ाइल फोटो 

 बिलासपुर । 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  सुप्रीम कोर्ट ने आज झीरम घाटी हत्याकांड की जांच को लेकर एनआईए की अपील याचिका को खारिज कर दिया है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस इस हमले में षडयंत्र की जांच करेगी। झीरम घाटी हत्याकांड में जान गंवाने वाले उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने 2020 में दरभा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसमें कहा गया था कि एनआईए ने हत्या और राजनीतिक षड्यंत्र को नहीं जोड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के बस्तर नरसंहार में बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए 2020 में दायर एक एफ़आईआर की छत्तीसगढ़ पुलिस जांच के ख़िलाफ़ एनआईए की याचिका पर नोटिस जारी किया था। इस हमले में कई बड़े कांग्रेसी नेता मारे गए थे।

ज्ञात हो कि 25 मई 2013 को बस्तर की झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला किया था, इसमें महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार सहित 29 नेता और कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। इस घटना की जांच एएनआई कर रही थी। मृतक कांग्रेस नेता उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने दरभा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस एफआईआर और छत्तीसगढ़ पुलिस के जांच के अधिकार को एनआईए ने यह कहते हुए चुनौती दी थी कि वह इस प्रकरण का पहले से जांच कर रही है। इसमें अलग से जांच की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने एनआईए की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में दखल नहीं देगी।

 किसने, किसने षडयंत्र किया अब साफ हो जाएगा -  मुख्यमंत्री 

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर सीएम भूपेश बघेल ने एक्स पर लिखा, झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाजा खोलने जैसा है। झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था। कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की लेकिन इसके पीछे के वृहत राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं की। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरु की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। आज रास्ता साफ़ हो गया है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी। किसने किसके साथ मिलकर क्या षडयंत्र रचा था। सब साफ़ हो जाएगा। झीरम के शहीदों को एक बार फिर श्रद्धांजलि।

घटना और जांच में कांग्रेस की क्या भूमिका थी- सुनील सोनी

कोर्ट के फैसले और सीएम के द्वीट पर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं कि कौन सी संस्था जांच करे। बल्कि यह अहम है कि पटना और आंच में कांग्रेस की क्या भूमिका थी। सोनी ने कहा- सीएम बनने से पहले भूपेश बघेल जेब में सबूत होने की बात कहते थे, लेकिन एनआईए को अब तक सबूत नहीं दिए। कांग्रेस ने जांच में कोई सहयोग नहीं किया और हर बरसी में कांग्रेस धाव को कुरेदने का काम करती रही है। 

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