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मुख्यमंत्री : ओपी, साव, साय या फिर से रमन ? लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुये समीकरण बिठायेगी भाजपा

अरुण साव, ओपी चौधरी, विष्णु देव साय का नाम सबसे आगे

 


रायपुर ।
 TODAY छत्तीसगढ़  /  मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बड़ी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने  तीनों राज्यों के भावी मुख्यमंत्रियों के नामों पर चर्चा शुरू कर दी है। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में भावी मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हुई। इधर छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री के दावेदारों को लेकर हलचल तेज है। छत्तीसगढ़ के सियासी बाज़ार में नये मुख्यमंत्री के जिन नामों पर चर्चा है उसमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, ओपी चौधरी का नाम सबसे आगे है। 

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जानकारी के मुताबिक़ आज हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव  मौजूद थे। तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व आगामी लोकसभा चुनाव पर नजर रखते हुए तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों का नाम तय करेगा। सोशल इंजीनियरिंग और जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए दो उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति पर भी विचार किया जा सकता है।

छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री कौन ? चुनावी नतीजों के बाद इस ज्वलंत और जिज्ञासा भरे सवाल का जवाब हर कोई जानने का इच्छुक है चूंकि भाजपा किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा सामने रखकर चुनाव नहीं लड़ी। छत्तीसगढ़ में कौन होगा मुख्यमंत्री के सवाल का जवाब ढूंढने पर तीन-चार नामों को प्राथमिकता से देखा जा रहा है,  जिन तीन-चार दावेदारों के नाम शीर्ष पर लिए जा रहे हैं  इनमें पहला नाम तीन बार के सीएम रहे डॉ. रमन सिंह हैं। इसके बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय, लोरमी विधायक और पार्टी अध्यक्ष अरुण साव, रायगढ़ से निर्वाचित ओपी चौधरी का नाम शामिल है । इसके अलावा रामविचार नेताम, और पूर्व मंत्री केदार कश्यप का नाम भी चर्चा में है। 

डॉ. रमन सिंह को लेकर यह कहा जा रहा है कि उनके ही नेतृत्व में 2018 में 68 सीटों की करारी हार हुई थी। वहीं इतनी बड़ी जीत प्रदेशाध्यक्ष के रूप में अरुण साव को दौड़ में आगे रखे हुए हैं। हालांकि चुनाव अभियान में साव को लेकर पीएम मोदी की निकटता उनके लिये प्लस मानी जा रही है। इन तीन के बीच कश्मकश में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय भी एक बड़े विकल्प हो सकते हैं। उनके लिए सबसे प्लस यह है कि जब पार्टी ने 2019 में सांसदों की टिकट काटने का फैसला किया था तब उन्होंने सबसे पहले सहमति दी थी। शनिवार रात मोदी ने साय को कॉल भी किया। यदि पार्टी, आदिवासी महिला सीएम की रणनीति पर काम कर रही है तो रेणुका सिंह, गोमती साय और लता उसेंडी के नाम भी सामने आ रहे हैं।

इससे परे एक अन्य दावेदार पूर्व आईएएस ओपी चौधरी के लिए गृहमंत्री अमित शाह का बयान एक बड़ा संकेत है। शाह ने रायगढ़ की सभा में कहा था कि ओपी जिताएं उन्हें बड़ा आदमी में बनाऊंगा। यह बड़ा आदमी, सीएम हो सकता है, इस संकेत को लेकर उनके समर्थक भी उम्मीद से हैं। हालांकि स्वयं चौधरी जल्दबाजी में नहीं है। वे अभी स्वयं को विधायक ही बनाए रखना चाहते हैं। 

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