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टोक्यो ओलंपिक : पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया, प्रधानमंत्री ने दी बधाई


TODAY छत्तीसगढ़  / टोक्यो /  पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने चीन की ही बिंग जियाओ को हराकर यह मेडल अपने नाम किया. पीवी सिंधु इस जीत के साथ ही लगातार 2 ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं. भारतीय स्टार शटलर ने इससे पहले 2016 में रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था.

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पीवी सिंधु का ब्राॅन्ज मेडल, टोक्यो ओलंपिक में भारत का दूसरा मेडल है. भारत को टोक्यो में पहला मेडल वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने दिलाया है. बॉक्सर लवलीना भी फाइनल में पहुंच गई हैं. वे अब गोल्ड मेडल के मुकाबले में उतरेंगी. अगर वे नहीं भी जीतीं तो सिल्वर मेडल लेकर देश लौटेंगी.

छठी वरीयता प्राप्त पीवी सिंधु और आठवीं वरीयता प्राप्त ही बिंग जियाओ के बीच रविवार को टोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल का मुकाबला हुआ. एक दिन पहले ताई जू यिंग से मुकाबला गंवाने वाली पीवी सिंधु रविवार को पूरे लय में नजर आईं. उन्होंने चीन की स्टार शटलर ही बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराया. उन्हें यह मुकाबला जीतने में 52 मिनट लगे.

पिछले कुछ मुकाबलों में संभलकर खेलने वाली पीवी सिंधु ने ही बिंग जियाओ के खिलाफ आक्रामक खेल दिखाया और जबरदस्त स्मैश लगाए. भारतीय शटलर को इसका फायदा भी मिला और उन्होंने शुरुआत से ही बढ़त बना ली. सिंधु ने ज्यादातर स्मैश ही बिंग जियाओ के दायीं ओर खेले, ताकि उन्हें बैकहैंड रिटर्न करना पड़े. ही बिंग जियाओ की बात करें तो उन्होंने नेट्स पर अच्छा खेल दिखाया, लेकिन ओवरऑल खेल में पिछड़ गईं.

बता दें कि 125 साल के ओलंपिक इतिहास में भारत के सिर्फ दो खिलाड़ी ही दो व्यक्तिगत मेडल जीत सके हैं. पीवी सिंधु ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला और ओवरऑल दूसरी खिलाड़ी हैं. भारत के लिए पहली बार यह कारनामा सुशील कुमार ने किया था. उन्होंने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल और 2012 में लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.  

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