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सिर्फ दिलचस्प बातें नहीं हैं, काफी कुछ सीखने को है 'चींटियों' में

TODAY छत्तीसगढ़  / एकजुटता, कड़ी मेहनत और ईमानदारी के साथ सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वाहन को दर्शाती इस तस्वीर को देखकर काफी कुछ सीखा जा सकता है । तस्वीर कहती है कुदरत का भी दिल है, या यूँ कह लीजिये इन चीटियों के भीतर भी एक खूबसूरत दिल है। आकार लेता आशियाँ दिल की शक्ल अख्तियार कर चुका है, काम जारी है। मिट्टी के ढेले और कंकड़ उठाकर यहां-वहां ले जाती चीटियों को वक्त निकालकर देखियेगा। गैर जिम्मेदार और निकम्मे इंसानों को इन चीटियों से कुछ सीखना होगा। इस भीड़ में सबको अपनी-अपनी जिम्मेदारी का अहसास है, कौन सा कंकड़ किस जगह ज़माना है इन कुशल कारीगरों को पता है।


एक जानकारी के मुताबिक चीटियों के बारे में कुछ दिलचस्प बातें हैं जो बताती हैं कि दुनिया भर में चींटियों की 10,000 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं. आकार में ये 2 से 7 मिलीमीटर के बीच होती हैं. सबसे बड़ी चींटी कार्पेंटर चींटी कहलाती है. उसका शरीर करीब 2 सेंटीमीटर बड़ा होता है. एक चींटी अपने वजन से 20 गुना ज्यादा भार ढो सकती है. कीटों में चींटी का दिमाग सबसे तेज माना जाता है. इसमें करीब 250,000 मस्तिष्क कोशिकाएं होती हैं. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 



रानी चींटी सबसे बड़ी होती है. इसका अहम काम अंडे देना है, यह हजारों अंडे देती है. नर चींटे का शरीर छोटा होता है. यह रानी चींटी को गर्भवती करने के कुछ दिन बाद मर जाता है. अन्य चींटियों का काम खाना लाना, बच्चों की देखरेख करना, और कालोनीनुमा घर बनाना है. साथ ही रक्षक चींटियों का काम घर की हिफाजत करना होता है. असल में चींटियां सुन नहीं सकतीं क्योंकि उनके कान नहीं होते. हालांकि ये जीव ध्वनि को कंपन से महसूस कर सकते हैं. आसपास की आवाज को सुनने के लिए ये घुटने और पांव में लगे खास सेंसर पर निर्भर करते हैं. चींटियों के दो पेट होते हैं. एक में खुद के शरीर के लिए खाना होता है और दूसरे में कालोनी में रहने वाली दूसरी चींटियों के लिए खाना होता है.

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