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21 भ्रष्ट अधिकारियों की छुट्टी, सरकार ने जबरन दिया रिटायरमेंट

TODAY छत्तीसगढ़  / सरकार ने भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों में संलिप्त अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के अभियान के पांचवें चरण में 21 और कर अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवा नियमावली के नियम 56 (जे) के तहत बी समूह के 21 कर अधिकारियों को भ्रष्टाचार और दूसरे आरोपों में अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेज दिया है. इससे पहले यूपी में भी योगी सरकार ने भ्रष्टाचार और कार्य में ढिलाई को लेकर अधिकारियों पर इसी तरह की कार्रवाई की थी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार और कार्य में ढिलाई को लेकर बेहद सख्त कदम उठाया था. सरकार ने  सात पीपीएस अफसरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था. शासन ने सात पुलिस उपाधीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दी थी. प्रदेश सरकार ने सहायक सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा अरुण कुमार, फैजाबाद में डिप्टी एसपी विनोद कुमार राणा, आगरा में डिप्टी एसपी नरेंद्र सिंह राणा, सहायक सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी तेजवीर सिंह यादव, डिप्टी एसपी मुरादाबाद संतोष कुमार सिंह तथा सहायक सेनानायक 30वीं वाहिनी पीएसी गोंडा में कार्यरत तनवीर अहमद खां को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी थी. इन सभी की आयु 50 वर्ष या इससे अधिक है और इनके ऊपर कार्य में शिथिलता बरतने व दूसरे कई आरोप लगे हैं. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
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