[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल सत्ता में रही भाजपा ने प्रशासनिक अमले की मानसिक स्थिति को बिलकुल बदलकर रख दिया था। यही वजह रही की प्रत्येक अफसर ये मान चुके थे की राज्य में फिर से भाजपा सत्ता की कुर्सी पर होगी और वे मलाई चाटते रहेंगे। इस भ्रम में कई सेवानिवृत्त अफसरों ने विधानसभा चुनाव के समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने पार्टी की सदस्यता ली और चुनाव के दौरान खुलकर कांग्रेस पर हमला बोलते दिखे। सत्ता परिवर्तन के ढाई महीने बाद अब उन्ही अफसरों को भाजपा से परहेज हो गया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा का गमछा गले में टांगकर पार्टी की सदस्य्ता लेने वाले 16 पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया है। रिटायर्ड डीजी राजीव श्रीवास्तव की अगुवाई में पुलिस अधिकारियों ने पार्टी की सदस्यता ली थी। इन अधिकारियों ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में प्रचार भी किया था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद इनका पार्टी से मोहभंग हो गया।
राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि कुल 16 लोगों ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। फिलहाल मैं कोई कारण नहीं बता सकता, लेकिन यह मानिए की कोई तकनीकी दिक्कत आ रही है। अब हम भाजपा के साथ नहीं है। आगे राजनीति में बने रहेंगे या नहीं, अभी कुछ नहीं कह सकते। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के पदभार संभालने के बाद पुलिस अधिकारियों के पार्टी छोड़ने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। उसेंडी के कमान संभालने के चार दिन बाद ही अधिकारियों ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जबकि कांग्रेस ने हाल ही में रिटायर्ड ब्रिगेडियर प्रतीक यदु को पार्टी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने पार्टी की सदस्यता ली।
इन्होने दिया इस्तीफा -
पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले रिटायर्ड डीजी राजीव श्रीवास्तव, रिटायर्ड आइएएस आरसी सिन्हा, एनकेएस ठाकुर, विमल चंद गुप्ता, एनटीपीसी के पूर्व महाप्रबंधक एचके धागमवार, पूर्व वन अधिकारी आरके तिवारी, बंशीलाल कुर्रे, आरके शर्मा, भोजेंद्र उइके, प्रदीप मिश्रा, शमशीर खान, अजीत चौबे, डा.हेमू यदू, घनश्याम शर्मा, डा.नीता शर्मा और सुभाष वर्मा शामिल हैं।
