[TODAY छत्तीसगढ़] / विधानसभा में आज राजिम कुंभ (कल्प) का नाम राजिम माघी पुन्नी मेला करने संशोधन विधेयक लाया गया जिस पर विपक्ष की कड़ी आपत्ति के बावजूद विधेयक पारित हो गया। विधेयक पारित कराने के लिए बकायदा वोटिंग हुई, विधेयक के पक्ष में 62 और विपक्ष में 8 मत पड़े।
विधेयक पर चर्चा के दौरान तत्कालीन मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रवर समिति को विधेयक भेजे जाने की मांग की। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नियमों के तहत संशोधन नहीं लाया जा रहा। वित्तीय ज्ञापन भी नहीं दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि विधेयक इतनी जल्दी में प्रस्तुत करने की वजह आखिर क्या है ? इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियमों को शिथिल कर विधेयक प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि आसन्दी की अनुमति के बाद संशोधन विधेयक पेश किया गया है। ये संशोधन सिर्फ नाम के लिए है, नाम संशोधन के लिए वित्तीय ज्ञापन की जरूरत नहीं पड़ती।
इसके बाद अध्यक्ष की अनुमति लेकर संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने संशोधन विधेयक पेश करते हुए कहा कि प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखकर यह संशोधन लाया गया है। इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कानून संशोधन का मामला है। आप हड़बड़ी न करें, इतिहास कभी माफ नहीं करेगा कि संशोधन पेश करने के लिए हड़बड़ी बरती गई।
चंद्राकर की टिप्पणी को करना पड़ा विलोपित -
सदन में बोलते हुए संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कुंभ के नामकरण को बदलकर केवल माघी पुन्नी मेला लिखने में विपक्ष इतना परेशान क्यों हो रहा हैं ? उन्होंने कहा पिछले 15 साल आपने स्नान किया, अकेले बृजमोहन अग्रवाल कुछ नागाओं को लेकर डुबकी लगाते थे। करोड़ों रुपये खर्च किए गए। इस अजय चंद्राकर की एक टिप्पणी को लेकर सत्तापक्ष नाराज हो गया, विरोध पर अध्यक्ष ने अजय चंद्राकर की टिप्पणी को विलोपित किया। सदन में चर्चा के दौरान संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू विपक्ष पर खासे नाराज हुए। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि जनता ने हमें बहुमत दिया है, जनता के फैसले को स्वीकार कीजिये। जनता ने आपके कर्मों की वजह से विपक्ष में बिठाया है।
