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साल का पहला दिन, कानन चिड़ियाघर में उमड़ा जनसैलाब

[TODAY छत्तीसगढ़] / साल 2019 के पहले दिन यानी आज एक जनवरी को हर इंसान ने अपने-अपने तरीके से दिन की शुरुवात की। हजारों लोग पहले मंदिर पहुंचे तो हजारों-हजार लोग जंगल, आस-पास के पर्यटन  स्थलों में जमा हुए। मंगलवार को नए साल के पहले दिन कानन चिड़िया घर में जश्न मनाने वालों का हुजूम देखा गया। कानन मिनी जू में आज हजारों की संख्या में पर्यटक भ्रमण करने पहुंचे । सुबह 9 बजे से सैलानियों का आना कानन में शुरू हो गया जो शाम 4 बजे तक अनवरत जारी रहा। हर साल की तरह इस बार भी नया साल मनाने वालों के लिए कानन चिड़िया घर पहली पसंद बना रहा। एक अनुमान के मुताबिक़ इस बार पिछले साल की तुलना में अधिक सैलानी नया साल का जश्न मनाने पहुंचें। विभागीय आंकड़ों के अनुमान पर गौर करें तो करीब 25 हजार से अधिक पर्यटकों ने आज कानन चिड़िया घर पहुंचकर नए साल के पहले दिन को यादगार बनाया। 
                 
बिलासपुर जिला मुख्यालय से करीब 9 किलोमीटर की दुरी पर कानन चिड़िया घर में हर साल की तरह इस बार भी नए साल का जश्न मनाने वालों का हुजूम उमड़ा, शहर के अलावा जिले के विभिन्न हिस्सों से सैलानी परिवार सहित कानन पहुंचे। यहां मौजूद वन्य  दीदार, पक्षियों के दर्शन और प्रकृति के सौंदर्य को महसूस करते हजारों पर्यटकों का  कैसे बीता उन्हें पता ही चला। जमकर उत्साह-उमंग के बीच कानन में नए साल का पहला दिन यादगार मनाने पहुंचे बेमेतरा के दिनेश कश्यप ने कहा सब कुछ अच्छा है, कानन से बढ़िया कोई पिकनिक स्पॉट नहीं हो सकता लेकिन सफेद बाघ को नहीं देख पाने का मलाल है। दरअसल कुछ ही समय पहले सफ़ेद बाघ विजय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इधर मुंगेली से आये कीरित टंडन ने कहा वो जब भी छुट्टी बिताने का जी करता है कानन ही आते हैं। गुजरात में रहने वाली प्रियंबदा डोरिया इसी साल शादी होकर बिलासपुर आई है, कानन एक बार पहले भी आ चुकी थी लेकिन आज का जनसैलाब देखकर वो हैरान थी।  कहा उनके अहमदाबाद में कमला नेहरू चिड़िया घर है लेकिन  सैलानी घूमने नहीं आते। 
           इधर हजारों सैलानियों को संभालने के लिए जू प्रबंधन ने पुख्ता इंतजाम का दावा जरूर किया था लेकिन भीतर में तमाम अव्यवस्थाओं की झलकियां देखने को मिली ।  वैसे इस बार भी कानन प्रबंधन ने पार्किंग से लेकर एंट्री और टिकट काउंटर की अतिरिक्त सुविधा मुहैया कराई थी । इस साल कानन पहुँचने वाले पर्यटकों को नए वन्यप्राणी तो देखने नहीं मिले लेकिन वर्तमान में मौजूद वन्यप्राणियों की तस्वीर बने बैनर लगाकर छह अलग- अलग सेल्फी पाइंट बनाए गए थे । यह प्रयोग इस बार नया बिलकुल नया रहा, वैसे भी ये दौर सेल्फी-वेल्फी का है। 
63 वनकर्मी और 30 पुलिस कर्मी ड्यूटी में तैनात रहे - 
पर्यटकों को बेहतर व्यवस्था देने के साथ- साथ उनकी सुरक्षा भी अहम जिम्मेदारी भी है। यही वजह है कि इस बार 20 पुरुष व 10 महिला पुलिसकर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया गया था । इसके अलावा जू के कर्मचारियों के अतिरिक्त  63 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी । मुख्य सड़क पर यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने ट्रेफिक के जवान भी मुस्तैद दिखे। 


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