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नान घोटाला : 107 पन्नों का खुलेगा रहस्य, एसआईटी गठित

[TODAY छत्तीसगढ़] / साल 2019 के पहले ही दिन छत्तीसगढ़ सरकार ने नान घोटाले की नये सिरे से जांच के आदेश देते हुए एसआईटी का गठन कर दिया है। पुलिस महानिरीक्षक [आईजी] के नेतृत्व में ये एसआईटी काम करेगी। मंगलवार को भूपेश कैबिनेट की बैठक में नान घोटाले के उस अनछुए पन्नों को नये सिरे से जांच में लाया जाएगा जिन्हे पिछली सरकार में दबा दिए जाने का संदेह है। 
सरकार का दावा है की नान घोटाले के 107 पन्नों में कई महत्वपूर्ण लोगों के नाम सांकेतिक तौर पर लिखे गये हैं, राज्य सरकार की तरफ से उन सभी नामों को लेकर लिखी गयी बातों की जांच करायी जायेगी। दरअसल घोटाले को लेकर जब्त हुई डायरी में से सिर्फ 6 पेज की ही जांच करायी गयी थी, जबकि 107 पन्नों का रहस्य अभी भी बरकरार है। नान घोटाले के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीजीपी डीएम अवस्थी के साथ चर्चा कर पूरे मामले का अवलोकन कर लिया है। लिहाजा जांच की गुंजाईश बनते देख कैबिनेट में मंगलवार को इस बात का फैसला लिया गया है कि नान घोटाले की विशेष जांच करवाकर आरोपियों और सांकेतिक रूप से लिखे नामों का खुलासा किया जाएगा। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
आपको बता दें की साल 2015 में नान घोटाले के खुलासे के बाद से ही कई चौकाने वाले मामले और तथ्य सामने आये थे । नान घोटाले में दो आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को आरोपी भी बनाया गया। जिनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश हो गया है। वहीं 17 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। जिनमें कुछ जमानत पर हैं, तो कुछ अभी भी जेल में बंद हैं। 
मंत्रिमण्डल की बैठक में शराब बंदी के प्रस्ताव को कैबिनेट ने खारिज कर दिया। बैठक में किसानों के हित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान यह प्रस्ताव तैयार किया गया कि कृषि विभाग का नाम बदलकर कृषक कल्याण विभाग किया जाए। कैबिनेट की बैठक के बाद रविंद्र चौबे ने कहा कि सरकार बदले की नहीं बल्कि विधि सम्मत कार्रवाई कर रही है। जांच में जो पहलू सामने आयेगा, उसके आधार पर कार्रवाई की जायेगी।
सबूत है तो कोर्ट में पेश करें - धरमलाल 
भारतीय जनता पार्टी प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश सरकार द्वारा नान घोटाले के मद्देनजर एसआईटी गठित किए जाने के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रकरण पूर्व से ही न्यायालय के अधीन है यदि कोई सबूत इनके पास हो तो इन्हें कोर्ट में पेश करना चाहिए। यह तो आरोपी का सहारा लेकर कांग्रेस बदले की राजनीति कर रही हैं, उन्होंने इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है। 


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