[TODAY छत्तीसगढ़] / न्यायालय ने लालखदान में भाजपा नेता के जन्मदिन की पार्टी में गोली मारकर युवक की हत्या करने के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं आरोपियों को पिस्टल उपलब्ध कराने वाले आदतन बदमाश को भी पांच वर्ष कैद की सजा हुई है।
पिछले साल चार मार्च 2018 को लालखदान रेलवे फाटक के पास भाजपा नेता का जन्मदिन मनाने की तैयारी की गई थी। महमंद निवासी दुर्गेश सूर्यवंशी पिता स्व.रामाधार सूर्यवंशी नाम का शख्स भी उस पार्टी में शामिल होने आया था। शाम करीब 6.15 बजे लालखदान के रामबचन ठाकुर उर्फ गुड्डा पिता रूपसिंह (42) ने बिल्लू श्रीवास उर्फ सुनील श्रीवास पिता बाबूलाल (40) से पिस्टल लेकर दुर्गेश के सीने में गोली मार दी। पार्टी में आए अन्य लोग उसे उपचार के लिए तत्काल अपोलो लेकर गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
तोरवा पुलिस ने इस मामले में धारा 302, आर्म्स एक्ट के धारा 25, 27 के तहत अपराध पंजीबद्घ कर आरोपियों के खिलाफ जिला न्यायालय में चालान पेश किया। मामले की सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश सिद्घार्थ अग्रवाल की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान मृतक के सीने से मिली गोली का जब्त पिस्टल से ही चलने की पुष्टि हुई। न्यायालय ने पीएम रिपोर्ट व गवाहों के बयान के बाद रामबचन को हत्या का दोषी पाया। वहीं पिस्टल उपलब्ध कराने वाले बिल्लू को मामले में साक्ष्य मिटाने का प्रयास व पुलिस को गुमराह करने का दोषी पाया है। रामबचन को धारा 302 में आजीवन कारावास व 20 हजार अर्थदंड, धारा 25 (1-बी) (ए) आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष कैद व पांच हजार अर्थदंड, धारा 27 (1) आर्म्स एक्ट में छह वर्ष कैद व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। आरोपियों को कुल 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। वहीं सह अभियुक्त बिल्लू श्रीवास को धारा 201 में पांच वर्ष कैद, धारा 25 (1बी) (ए) में तीन वर्ष कैद व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा हुई है। अर्थदंड नहीं देने पर आरोपियों को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
पिछले साल चार मार्च 2018 को लालखदान रेलवे फाटक के पास भाजपा नेता का जन्मदिन मनाने की तैयारी की गई थी। महमंद निवासी दुर्गेश सूर्यवंशी पिता स्व.रामाधार सूर्यवंशी नाम का शख्स भी उस पार्टी में शामिल होने आया था। शाम करीब 6.15 बजे लालखदान के रामबचन ठाकुर उर्फ गुड्डा पिता रूपसिंह (42) ने बिल्लू श्रीवास उर्फ सुनील श्रीवास पिता बाबूलाल (40) से पिस्टल लेकर दुर्गेश के सीने में गोली मार दी। पार्टी में आए अन्य लोग उसे उपचार के लिए तत्काल अपोलो लेकर गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
तोरवा पुलिस ने इस मामले में धारा 302, आर्म्स एक्ट के धारा 25, 27 के तहत अपराध पंजीबद्घ कर आरोपियों के खिलाफ जिला न्यायालय में चालान पेश किया। मामले की सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश सिद्घार्थ अग्रवाल की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान मृतक के सीने से मिली गोली का जब्त पिस्टल से ही चलने की पुष्टि हुई। न्यायालय ने पीएम रिपोर्ट व गवाहों के बयान के बाद रामबचन को हत्या का दोषी पाया। वहीं पिस्टल उपलब्ध कराने वाले बिल्लू को मामले में साक्ष्य मिटाने का प्रयास व पुलिस को गुमराह करने का दोषी पाया है। रामबचन को धारा 302 में आजीवन कारावास व 20 हजार अर्थदंड, धारा 25 (1-बी) (ए) आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष कैद व पांच हजार अर्थदंड, धारा 27 (1) आर्म्स एक्ट में छह वर्ष कैद व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। आरोपियों को कुल 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। वहीं सह अभियुक्त बिल्लू श्रीवास को धारा 201 में पांच वर्ष कैद, धारा 25 (1बी) (ए) में तीन वर्ष कैद व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा हुई है। अर्थदंड नहीं देने पर आरोपियों को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
