[TODAY छत्तीसगढ़] / नए साल के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बिसात पर पहला दांव खेल दिया। विचारों से शून्य और मोदी विरोध के नाम पर बन रहे गठजोड़ पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगला चुनाव महागठबंधन और जनता के बीच होगा।
एक एजेंसी को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने राम मंदिर, किसान कर्ज माफी, सर्जिकल स्ट्राइक, महागठबंधन, पाकिस्तान, जीएसटी, नोटबंदी, पांच राज्यों में भाजपा की हार से लेकर मॉब लिंचिंग समेत सभी विषयों पर खुलकर अपनी बात रखी।
In case you missed it, here is my interview with @ANI. Have spoken about a wide range of issues. Watch! https://t.co/lpmtWiObFk— Narendra Modi (@narendramodi) January 1, 2019
प्रधानमंत्री ने विपक्ष की ओर से महागठबंधन की कोशिशों पर सवाल उठाते हुए पूछा आखिरकार यह क्यों बन रहा है। इनके पास देश के सामाजिक आर्थिक मुद्दों को लेकर कोई स्पष्ट विचार नहीं है। उनका एक मात्र निशाना मोदी है और सभी खुद को बचाने के लिए एक-दूसरे को सहारा दे रहे हैं। अगले चुनाव को जनता बनाम महागठबंधन के बीच की टक्कर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जनता चुनाव की दिशा और उसका एजेंडा तय करने वाली है। जनता तय करेगी कि उसकी आकांक्षा के साथ कौन है। प्रधानमंत्री ने "मोदी लहर" कम होने के विपक्ष के दावे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कम-से-कम वे लहर मान तो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार को भाजपा के लिए बड़ा झटका मानने से इन्कार कर दिया। उनके अनुसार तेलंगाना और मिजोरम में भाजपा कहीं थी ही नहीं। वहीं, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 15 साल की सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे थे। लेकिन इसके साथ ही त्रिपुरा, हरियाणा, असम और जम्मू-कश्मीर के निकाय चुनावों में भाजपा को भारी सफलता भी मिली है।
#WATCH #PMtoANI: For middle class, we'll have to change our thinking. Middle class never lives on someone’s mercy. They live with dignity & make immense contribution towards running the country. pic.twitter.com/RJ62InfHmX— ANI (@ANI) January 1, 2019
असम और त्रिपुरा में तो गठबंधन को धूल चाटनी पड़ी। राजग में सहयोगियों की कमी का आरोप खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा को कई नए साथी मिल रहे हैं। इसीलिए पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से आत्मविश्वास गिरने का कोई कारण नहीं है। आत्मविश्वास से पार्टी आगे बढ़ रही है।
अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत से कम सीटें मिलने की अटकलों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के चुनाव के पहले भी मीडिया में इस तरह की खबरें छप रही थीं। उस समय जो लोग ऐसा कह रहे थे, वहीं लोग इस समय भी कह रहे हैं। भाजपा के जनाधार को सीमित बताने की मानसिकता को तीन दशक पुरानी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह पूरे देश और सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है।
एक लड़ाई से नहीं सुधरेगा पाकिस्तान -#WATCH #PMtoANI on his tenure: I leave it to people to decide whether satisfied or not with my work. But one thing, I am not surprised, I could neither make the Lutyen’s world part of me or me a part of them. pic.twitter.com/YnoqdGYgUs— ANI (@ANI) January 1, 2019
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी जम्मू-कश्मीर में पाक पोषित आतंकवाद में कमी नहीं आने और सीमा पर गोलीबारी जारी रहने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लड़ाई से पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है। इसके लिए लंबी रणनीति पर काम चल रहा है। लेकिन उन्होंने इस रणनीति को सार्वजनिक करने से इन्कार कर दिया। उनके अनुसार इसी रणनीति के तहत पाकिस्तान को पूरी दुनिया में अलग-थलग करने में सफलता मिली है। सर्जिकल स्ट्राइक के राजनीतिकरण पर दुःख जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे पहले विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठा दिया था और उसी दिन से इस पर राजनीति शुरू हो गई।
सेना के लिए अनापशनाप शब्दों का प्रयोग भी किया गया। जबकि इसे सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सेना पर गर्व किया जाना चाहिए था। सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले और उसके क्रियान्वयन पर विस्तार से बोलते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह उड़ी हमले ने उनके साथ-साथ सेना को बेचैन कर दिया था।
इसी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी की गई। उन्होंने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक के एक-एक पल की जानकारी वह खुद ले रहे थे और जवानों को किसी भी स्थिति में सुबह होने के पहले वापस लौटने का निर्देश दिया था। लेकिन सुबह होने के एक घंटे बाद तक का समय सबसे मुश्किल रहा, जब स्ट्राइक के लिए गए जवानों की कोई सूचना नहीं मिल रही थी। लगभग दो घंटे बाद पता चला कि वे सीमा के भीतर तो नहीं, लेकिन सुरक्षित स्थान तक पहुंच गए हैं। उनके लौटने के बाद सुरक्षा से संबंधित कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई और पाकिस्तान को इसकी जानकारी दी गई। वैसे प्रधानमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। सार्क शिखर वार्ता में बुलाए जाने पर पाकिस्तान जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि जब समय आएगा, उसी समय बताएंगे।
कांग्रेस के वकीलों ने लगाया राम मंदिर निर्माण में अड़ंगा -Leave it to people to decide whether they are satisfied with my work or not: PM Modi— ANI Digital (@ani_digital) January 1, 2019
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संघ परिवार और खास कर सरसंघचालक मोहन भागवत की राम मंदिर पर अध्यादेश की मांग को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अंतिम चरण में है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस से जुड़े वकील कोर्ट के भीतर अड़ंगा लगाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने देश में शांति, सुरक्षा और भाईचारे की दुहाई देते हुए कांग्रेस से अपने वकीलों से अड़ंगा लगाने से रोकने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने तत्काल तीन तलाक पर अध्यादेश से राम मंदिर से जुड़े अध्यादेश की तुलना को भी खारिज कर दिया। उनके अनुसार, तत्काल तीन तलाक पर अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए अध्यादेश के जरिये कानून लाना जरूरी हो गया था। जबकि राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अभी चल रही है।
उर्जित इस्तीफे के बारे में पहले बोल चुके थे -
उर्जित पटेल को लेकर पीएम मोदी ने कहा, उन्होंने खुद निजी कारणों का हवाला देकर इस्तीफा पेश किया। वे मुझे इस्तीफा देने से पहले 4-5 महीने पहले ये बोल चुके थे, उन्होंने यह लिखित में भी दिया था। राजनीतिक दवाब का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने बतौर आरबीआई गर्वनर काफी अच्छा काम किया।