[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस ने हुकूमत संभाली है, मंगलवार की सुबह सूबे के मुखिया भूपेश बघेल के सहयोगियों ने मंत्री पद की शपथ ली। भूपेश मंत्रिमण्डल में जिन 9 मंत्रियों ने शपथ ली उनमें से एक नाम कवासी लखमा का भी है। कवासी लखमा सिर्फ साक्षर हैं, लिहाजा उन्हें पढ़ने में कठिनाई होती है। यही वजह रही की आज शपथ ग्रहण के दौरान उन्होंने राज्यपाल के द्वारा पढ़े गए शपथ पत्र को दोहराया, इतना ही नहीं आदिवासी अंचल से होने की वजह से उन्हें हिंदी के कई शब्दों को दोहराने में भी दिक्क्त पेश आई। भूपेश मंत्रीमंडल शपथ ग्रहण के बाद छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार ने एक ट्वीट भी किया है।
in Chhattisgarh, a Bastar tribal Congress MLA kawasi Lakhma took oath as minister. he can not read, so governor read entire oath for him and he repeated. he is so full of rustic wisdom that he performs better than other MLAs in assembly. good choice of CM @bhupeshbaghel pic.twitter.com/GsF5BdmR2x— sunil kumar (@editorsunil) December 25, 2018
वैसे कवासी लखमा अपने बेबाक बयान और अनूठे अंदाज के चलते हमेशा से ही चर्चा में रहे हैं। कवासी लखमा कांग्रेस के एक मात्र ऐसे विधायक हैं जो राज्य गठन के बाद हुए चुनाव में लगातार जीतते रहे हैं। विपक्ष में भी कवासी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और वे उप नेता प्रतिपक्ष के रूप में पिछली विधानसभा में काम कर चुके हैं। कवासी अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं और बस्तर की कोंटा विधानसभा सीट से विधायक हैं। यह साल 2003 में सबसे पहले विधानसभा में चुन कर आए थे।
विधायक बनने से पहले कवासी ने ग्राम सरपंच के रूप में काम किया और उत्कृष्ठ काम के लिए उन्हें दो बार सर्वश्रेष्ठ सरपंच का पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। कवासी लखमा ने औपचारिक शिक्षा नहीं ली है। वे सिर्फ साक्षर हैं, लेकिन देश और राज्य की राजनीति के साथ ही वे अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भी मजबूत पकड़ रखते हैं। कवासी न्यूजीलैण्ड, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो कवासी का जन्म साल 1953 में सुकमा जिले के नागारास गांव में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम कवासी बुधरी है और उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। मूल रूप से खेती किसानी का काम करने वाले कवासी आदिवासी पारंपरिक नृत्य कला में भी पारंगत हैं।
