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ज्वालामुखी फटने से 281 लोगों की मौत, 1000 से अधिक लोग घायल

[TODAY छत्तीसगढ़] / इंडोनेशिया में आई सूनामी की आपदा में अब तक मरनेवालों की संख्या 281 तक पहुंच गई है और 1000 से अधिक लोग घायल हैं। सुंडा स्ट्रेट के आसपास के इलाके में आई सुनामी काफी विचित्र भी है। क्षेत्र में भूकंप के बिना ही यह सुनामी आ गई और अचानक ही समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगीं। सुनामी की पहले से कोई गतिविधि नजर नहीं आ रही थी, जिस कारण कोई अलर्ट भी जारी नहीं किया गया। अलर्ट पहले से जारी करने के हालात में जान-माल का नुकसान काफी कम हो सकता था। 

सुनामी के कारणों का अभी ठीक से आकलन नहीं किया जा सका है, लेकिन माना जा रहा है कि ज्वालामुखी फटने के कारण पानी के भीतर हुई हलचल के कारण सुनामी की आपदा आई। इंडोनेशिया में दुनिया में सबसे अधिक भूकंप और सुनामी आते हैं क्योंकि दुनिया में सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में पड़ते हैं। इसी कारण इस देश को भौगोलिक स्थिति के आधार पर रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। 

क्रिसमस वीकेंड होने के कारण समुद्र के किनारे बड़ी संख्या में लोग छुट्टी मनाने आए थे, लेकिन अचानक आई सुनामी ने सबको दहशत में डाल दिया। इंडोनेशिया के प्राकृतिक आपदा संरक्षण टीम का कहना है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है क्योंकि काफी लोग बड़ी संख्या में लापता भी हैं। इस साल आई यह दूसरी बड़ी सुनामी है। सितंबर में 28 तारीख को आई सुलावेसी द्वीप में सुनामी और भूकंप में 2,500 लोग मारे गए, जबकि पूर्व चेतावनी के कारण काफी लोगों को पहले ही क्षेत्र से निकाला जा चुका था। शनिवार रात को भूकंप का कोई चिह्न नहीं था और न ही किसी तरह की कोई बड़ी हलचल नहीं हुई। अचानक ही समुद्र में बड़ी-बड़ी लहरें उठने लगीं और 16 साल के प्रत्यक्षदर्शी अजकी कुरनिवान ने बताया, 'मैं होटल लॉबी में था और अचानक ही शोर शुरू हो गया कि समुद्र में बड़ी-बड़ी लहरें उठ रही हैं। मुझे आश्चर्य हो रहा था क्योंकि भूकंप जैसा कुछ मैंने महसूस नहीं किया। मैं भागकर पार्किंग में अपनी बाइक लेने गया, लेकिन लहरें उसे तब तक अपने साथ बहा ले गई थीं। इनपुट-एनबीटी  

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