इस दर्दनाक सड़क हादसे के बारे में हालिया जानकारी के मुताबिक कवर्धा-बेमेतरा मुख्य मार्ग पर ग्राम बेरा मोड़ के पास आमने-सामने से दो मोटरसाइकिल की भिड़ंत हुई, दोनों ही दिशा से आ रही मोटरसाइकिलों की रफ़्तार काफी थी लिहाजा ऐन मौके पर किसी तरफ के बाइक सवार वाहन को कंट्रोल नहीं कर सके। पास ही गाँव खमरिया निवासी पीताम्बर साहू अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों को लेकर ससुराल के लिए निकला था, वहीँ सामने से आ रही मोटरसाइकिल पर दो सवार युवक ग्राम परसवारा दशगात्र के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। इस सड़क हादसे में पीताम्बर, उसकी पत्नी गायत्री बाई और चार साल की एक बेटी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पीताम्बर की दुधमुंही बेटी सड़क पर घायल अवस्थ में पड़ी रही। घटना के बाद मौके पर आस-पास के ग्रामीण का जमावड़ा लग गया, पुलिस और एम्बुलेंस को हादसे की सुचना दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस ने सबसे पहले घायल पांच माह की बच्ची और दो युवकों को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया, इसके बाद मौके पर पड़े शव का पंचनाम कर पोस्टमार्डम के लिए भिजवा दिया गया।
दरअसल इस तरह के सड़क हादसों के लिए शायद वाहन सवार ही जिम्मेदार हैं, अच्छी सड़क पर वाहनों को अनियंत्रित रफ़्तार देना ही हादसों की बड़ी वजह बनती है। जरा सी लापरवाही, चूक और मस्ती ना जाने हर दिन कितने ही परिवारों से अपनों का साथ छुड़ा रहीं हैं।
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[TODAY छत्तीसगढ़ ] / हवस के भूखे एक भेड़िये ने आज मानसिक रूप से दिव्यांग महिला को अपना शिकार बनाना चाहा लेकिन महिला की हिम्मत और चीख-पुकार के बाद वो दरिंदा मौके से भाग गया। घटना गरियाबंद जिले के थाना छुरा की है। पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस ने अपराध कायम कर आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के लिहाज से ये वाकया राज्य के गरियाबंद जिले का है। पुलिस थाना छुरा क्षेत्र में रहने वाला ४५ साल का गेंदसिंह नागेश आज गाँव में ही रहने वाली एक महिला के घर में मौक़ा पाकर घुस गया, महिला के घर वाले पेशे से मजदुर है। सुबह घर के लोगों को काम पर जाता देख मौके की ताक में लगा गेंदसिंह महिला के घर पहुंचा और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा, महिला अधेड़ की नियत को भाप गई और उसने जोर-जोर से शोर मचाना शुरू किया। महिला के शोर मचाते ही गेंदसिंह मौके से भाग निकला। इधर आस-पास के लोग शोर सुनकर महिला के घर पहुँच गए, महिला ने उन्हें आप बीती सुनाई। इस वाकये की खबर जैसे ही पीड़ित महिला के परिजनों को लगी वे थाना पहुँच गए। पुलिस ने पीड़ित महिला के बयान को आधार मानकर आरोपी गेंदसिंह को हिरासत में लिया है। पूछताछ के बाद पुलिस इस मामले की हकीकत तक पहुँच सकेगी।
वैसे पिछले कुछ महीनों के आपराधिक रिकार्ड खंगाले जाएँ तो बलात्कार जैसे घिनौने कृत्य के कइयों मामले सामने आते है जो राज्य में बढ़ती बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाओं की पैरवी करते हैं। छेड़छाड़ और बलात्कार के बढ़ते मामलों ने एक तरफ राज्य में महिला सुरक्षा पर सवाल खड़ा किया है वहीँ क़ानून का कम होता खौफ अपराधियों को बल दे रहा है।
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[TODAY छत्तीसगढ़ ] / 'कठोर' रुपहले पर्दे पर आने वाली एक ऐसी फिल्म जिसमें संवेदना हैं, प्यार है, कर्तव्यपथ पर आहत होते रिश्तों की भावनाएं हैं। प्रेम, प्रतिशोध और बदलाव की कहानी है 'कठोर' . आज की मसाला फिल्मों से एकदम अलग हटकर सामाजिक सरोकार की वकालत करती फिल्म कठोर आगामी 14 सितम्बर को छत्तीसगढ़ समेत देश के अलग-अलग शहरों में परदे पर होगी। फिल्म के निर्माता रवि शुक्ला की माने तो 'कठोर' आज की पीढ़ी के लिए एक बड़ा सन्देश लेकर आ रही है। नक्सलवाद से जूझते छत्तीसगढ़ में किन परिस्थितियों में आवाम ज़िंदा है, कैसे सिपाही अपने कर्तव्यपथ पर हर वक्त मौत की आहट के बीच लोगों की सुरक्षा को लेकर मोर्चे पर मुस्तैद है। फिल्म निर्माता रवि शुक्ला ने कठोर के जरिये सिनेमा को एक अलग पहचान देने की कोशिश की है। फिल्म का ट्रेलर जारी कर दिया गया है जिसे अच्छा-ख़ासा रिस्पांस मिल रहा है। अब दर्शकों को 14 सितम्बर का इंतज़ार है।
यूँ तो छत्तीसगढ़ में कई फिल्मों का निर्माण हुआ है, कुछ फ़िल्में काफी चर्चा में रहीं तो कुछ फिल्मों को दर्शकों ने बॉक्स ऑफिस पर ही नकार दिया। ऐसे में फिल्म निर्माता रवि शुक्ला और निर्देशक करण कश्यप 'कठोर' लेकर दर्शकों के बीच पहुँचने वाले हैं। फिल्म श्री बालाजी ग्लोबल फिल्म्स के बैनर तले बनी है। फिल्म मल्टीस्टारर नहीं है लेकिन थियेटर से जुड़े कइयों ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने अपनी अदाकारी का लोहा कई अन्य फिल्मों और टीवी सीरियल्स में मनवाया है। लाल आतंक से जूझते छत्तीसगढ़ में आवाम कितना महफूज है, किस तरह की परिस्थितियों में सीमा पर चौकसी कर रहे जवान कदम-कदम पर मौत को मात देते हैं। 'कठोर' सामाजिक सरोकार की पैरोकारी करती एक ऐसी फिल्म है जिसमें प्यार, संवेदना के साथ-साथ कर्तव्यपथ पर कुर्बान होती रिश्तों की भावनाएं हैं। इस फिल्म में बाप बेटी के पवित्र रिश्ते, उसकी मर्यादा और सामाजिक दायरों को बड़ी ही ईमानदारी से फिल्माया गया है। फिल्म की कहानी में एक ऐसे सिपाही पिता का किरदार भी हैं जो अपनी ही बेटी के कातिल को सलाखों के पीछे जाने के बाद सेवा करते, उसे खाना खिलाते दिखाया गया है चूँकि रिश्तों की दीवार से वो सिपाही ज्यादा पूजनीय अपने कर्तव्य की चौखट को मानता है। कर्म के प्रति ईमानदार वो सिपाही मानसिक पीड़ा झेलते हुए भी दोनों वक्त उस चेहरे के करीब होता है जो उसकी अपनी बेटी का कातिल है।

इस फिल्म में निर्माता रवि शुक्ला ने छत्तीसगढ़ के उन कलाकारों को भी अदाकारी का मौक़ा दिया है जिनमें हुनर तो है मगर गॉड फादर ना होने की वजह से वे गुमनामी के अँधेरे में हैं। फिल्म का एक-एक किरदार अपनी भूमिका में सशक्त दिखाई देता है। इस फिल्म के सम्बन्ध में निर्देशक करण कश्यप कहते की करीब ग्यारह साल पहले 26 / 11 की दिलदहला देने वाली आतंकवादी घटना के मद्देनज़र उन्होंने एक कहानी लिखी थी, आतंकवादी कसाब पर केंद्रित वो कहानी उसकी फांसी के बाद शायद गुमनाम हो जाती ऐसे में रवि शुक्ला जैसे फिल्म निर्माता मिले जिन्हे वो कहानी सुनाई गई उसके बाद उन्होंने उस स्क्रिप्ट पर कुछ करने की योजना तैयार की हालांकि इस फिल्म में उस घटनाक्रम का कोई जिक्र नहीं है, ना ही उस वाकये से वास्ता रखने वाली कोई बात । ये फिल्म पारिवारिक जिम्मेदारियों, समाज में बदलाव के साथ-साथ प्यार, रिश्तों की संवेदनाओं को महसूस करने के अलावा भटकती युवा पीढ़ी के लिए सशक्त सन्देश लेकर आ रही है ।
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[TODAY छत्तीसगढ़ ] / देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अब महसूस की जाने लगी है, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल अपने स्तर पर चुनावी रणनीति तैयार करने में जुट गएँ हैं। इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉटर रमन सिंह भी शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक होना हैं जिसमें वे शिरकत करेंगे।
दिल्ली जाने से पहले माना विमानतल पर मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत की। उन्होंने दिल्ली जाने का प्रयोजन साफ़ किया, इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने ये भी स्पष्ट किया की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक विधानसभा चुनाव के मुद्दे पर होगी। उन्होंने प्रत्याशी चयन और विकास के अन्य मुद्दों पर भी काफी कुछ कहा। उन्होंने बताया की प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पार्टी की चुनाव समिति को करना है, वैसे कई जगह से दावेदारों के नाम सुनाई दे रहें हैं मगर अंतिम निर्णय राष्ट्रीय और पार्टी की चुनाव समिति करेगी।
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[TODAY छत्तीसगढ़ ] / राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण दिल्ली ने देशभर के 22 राज्यों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई हैं और लोगों को किसी भी परेशानी से बचने के लिये ऐहतियात बरतने की सलाह दी है। एनडीएमए ने ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के अंदरूनी इलाकों में 25 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे से लेकर 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के चलने की भी चेतावनी दी है। मौसम विभाग के एक बुलेटिन का हवाला देते हुए एनडीएमए ने कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल, पूर्वी राजस्थान, कोंकण, गोवा, विदर्भ और तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे प्राथमिक स्वास्थ्य किट, टॉर्च, बोतलबंद पीने का पानी, खाद्य पदार्थ इकट्ठा कर रख लें और बाढ़ संभावित इलाकों में बच्चों को जलाशयों के पास न खेलने दें। एनडीएमए ने यह भी सुझाव दिया कि पालतू पशुओं को बांधकर नहीं रखें और लोग सीवर लाइन, नालों और पुलिया से दूर रहें। [एजेंसी]
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[TODAY छत्तीसगढ़ ] / राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण दिल्ली ने देशभर के 22 राज्यों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई हैं और लोगों को किसी भी परेशानी से बचने के लिये ऐहतियात बरतने की सलाह दी है। एनडीएमए ने ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के अंदरूनी इलाकों में 25 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे से लेकर 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के चलने की भी चेतावनी दी है। मौसम विभाग के एक बुलेटिन का हवाला देते हुए एनडीएमए ने कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल, पूर्वी राजस्थान, कोंकण, गोवा, विदर्भ और तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे प्राथमिक स्वास्थ्य किट, टॉर्च, बोतलबंद पीने का पानी, खाद्य पदार्थ इकट्ठा कर रख लें और बाढ़ संभावित इलाकों में बच्चों को जलाशयों के पास न खेलने दें। एनडीएमए ने यह भी सुझाव दिया कि पालतू पशुओं को बांधकर नहीं रखें और लोग सीवर लाइन, नालों और पुलिया से दूर रहें। [एजेंसी]
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