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                       [TODAY छत्तीसगढ़ ] /   आज जो खुलासा हुआ उसे पढ़कर आपका दिल दहल जायेगा, आप सन्न रह जायेंगे उस हकीकत को जानकार जिसे पिछले छह महीने से छिपाकर रखा गया था। आप सहम जायेंगे ये जानकर की आखिर ऐसा पागलपन आज के युग में भी होता है। अंधविश्वास की सारी हदों को लांघती ये घटना छत्तीसगढ़ के सूरजपुर इलाके की है, यहां एक मृत महिला को ज़िंदा करने के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया जा रहा था।  इस हाईटेक और वैज्ञानिक युग में एक ऐसा अंधविश्वास, जिसे सुनकर आप सिर्फ चौंक जाएंगे ऐसा नहीं है बल्कि आपके पैरों तले की जमीन भी खिसक सकती है ।
ये कोई फ़साना नहीं, हकीकत है। एक पति अपनी मृत पत्नी को जिंदा करने के लिए छह माह तक उसके साथ सोता रहा। मामला सूरजपुर के रामनगर डबरीपारा का है, जहां कलेश्वरी देवी की मौत करीब छह महीने पहले शिवरात्री के दिन हो गई थी। इसके बाद पति शोभनाथ गोंड और उसके बेटे ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया। शव को घर में ही रखकर उसे तंत्र-मंत्र से जिंदा कराने का प्रयास करता रहा। इधर, घर में रखा शव पूरी तरह से कंकाल में बदल चुका था लेकिन बाप-बेटे ये मानकर चल रहे थे की तांत्रिक क्रिया से कलेश्वरी देवी ज़िंदा हो जाएगी । अंधविश्वास की इस मजबूत जड़ का किसी को पता ना चले इसलिए बाप-बेटे तांत्रिक के कहने पर अगरबत्ती और अन्य पूजा सामग्री का इतना ज्यादा इस्तेमाल किया करते थे कि आसपास के लोगों तक इसकी भनक भी नहीं लग सकी। सबसे बड़ा मसला ये की परिवार के सभी लोग उस लाश के साथ छह महीने तक रहते रहे। कलेश्वरी देवी के मौत की खबर तक उसके परिजनों को नहीं दी गई, अंधविश्वास के भ्रम जाल से पर्दा तब उठा जब मृतका कलेश्वरी देवी का भाई उससे मिलने पहुंचा। 
               मृतका कलेश्वरी देवी के भाई ने घर का माहौल और बहन के लाश की स्थिति देख तत्काल पुलिस को इत्तला दी। पुलिस ने मामले की सुचना पर अपराध दर्ज कर लिया है, पुलिस उस तांत्रिक की तलाश भी कर रही है जिसने समाज में इस तरह के अंधविश्वास को फैलाकर ना सिर्फ मृतका के परिजनों को ठगा बल्कि सामाज में रहकर वो इस तरह की कुरीतियों के जरिये सिर्फ अपनी दुकानदारी चला रहा है। 
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[TODAY छत्तीसगढ़ ] /  छत्तीसगढ़ में लोक पर्वों का उल्लास देंखे लायक है, पहले भोजली अब पोला। रविवार को अंचल के विभिन्न हिस्सों में लोक पर्व पोला की धूम रहेगी। दो दिन पहले से ही पोला को लेकर बाजार की रौनक बढ़ी हुई है। सड़क किनारे मिटटी से बने बैल, खिलौनों के अलावा लकड़ी से बने बैल सजे हुए हैं। ये खिलोने एक तरफ बच्चों के आकर्षण का केंद्र बिंदु हैं वहीँ दूसरी तरफ ग्रामीण अंचल के लोग मिटटी और लकड़ी से बने बैलों की विधिवत पूजा भी करते हैं। दरअसल कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ राज्य में लोक पर्व पोला काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है .किसान खेती का काम पूरा कर फसल की बेहतरी का इंतज़ार करते हैं, चूँकि किसान का सच्चा साथी और खेती में सहायक बैल किसानों के लिए बेहद पूजनीय होता है।

इस दिन भगवान् भोले बाबा के मंदिरों में भक्तों की भीड़ भी लगती है, कई जगह शंकर जी की बारात निकलती है तो कुछ जगहों पर बैल दौड़ का आयोजन भी होता है। पोला पर किसान अपने-अपने बैलों को आकर्षक रंगों और सजावट की सामग्रियों से सजाते हैं।
अन्य जानकारी के मुताबिक पोला भारत के छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र, तेलंगाना के उत्तरी हिस्से में किसानों द्वारा मनाया जाने वाला एक बैल-पूजा उत्सव है। पोला के दिन, किसान अपने बैल सजा कर पूजा करते हैं। पिथोरी अमावस्या के दिन पोला गिरता है अन्यथा नया चंद्रमा दिन कहा जाता है।
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                              [TODAY छत्तीसगढ़ ] /  डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दाम को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष पांडेय ने केंद्र व राज्य सरकार पर तीखा वार किया है। उन्होंने कहा, कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम लगातार गिरने के बावजूद देश में पेट्रोल के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं, हर जगह हाहाकार मचा हुआ है। बात-बात पर हर चीज़ का श्रेय लेने वाले सीएम रमन और पीएम मोदी आज पट्रोल डीजल के बढ़ते दामों की ज़िम्मेदारी लेने से पीछे हट रहे हैं।
उनका कहना है जब से भाजपा की सरकार देश में बनी, तब से अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम घटने शुरु हो गए थे। लेकिन जब-जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम घटे, देश में पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के बजाय और बढ़ा दिए गए। जनवरी 2014 से लेकर जनवरी 2016 तक केंद्र की भाजपा सरकार ने देश में 9 बार एक्साइज़ ड्यूटी के दाम बढ़ाए और जनता की खून पसीने की गाढ़ी कमाई लूट कर अपना खज़ाना भरा है। विपक्ष में रहते हुए भाजपा के सीएम रमन सिंह समेत जो नेता देश में पेट्रोल और डीज़ल के बढ़े दामों का विरोध करने के लिए सड़कों पर साईकिल घसीटते नज़र आते थे। आज वो सभी अपनी जवाबदेही तय करने के बजाय गायब हो गए हैं। प्रदेश में जिस तेज़ी से डेंगू का दंश फ़ैल रहा है, उसी तेज़ी से पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस का दाम भी बढ़ रहा है, लेकिन जगह-जगह जाकर विकास का ढिंढोरा पीटने वाले प्रदेश के मुखिया का इन दोनों मामले पर मौन हैं। देश-प्रदेश की जनता महंगाई से त्रस्त है, लेकिन भाजपा के नेता सत्तासुख भोगने में मस्त हैं।
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