[TODAY छत्तीसगढ़ ] / हवस की भूख मिटाने के लिए पहले प्यार के गीत गाये गए, फिर शादी का प्रलोभन दिया गया उसके बाद चार साल तक जिस्मानी रिश्ते हवस की भूख को मिटाते रहे। जिस्मानी रिश्ते की इस भूख ने जब दूसरे चेहरे की ओर ताकना शुरू किया तो महिला सकते में आ गई। उस महिला ने चार साल के समर्पण के बदले शादी करने का जब तोहफा प्रेमी से माँगा तो वो मुकर गया। सालों तक जिस जिस्म से प्यार की दुहाई देकर खेलता रहा उससे अब किनारा करना चाहता था, प्यार के बदले हवस की भूख के इस फरेब का जब पर्दाफाश हुआ तो एक दरोगा की घिनौनी सूरत सामने आ गई। जी हाँ प्यार के बदले हवस का पुजारी कोई और नहीं बल्कि पुलिस का एक दरोगा है। जिसने प्यार के बदले सब कुछ दिया वो भी कोई गैर नहीं बल्कि उस दरोगा की सहकर्मी है। यानी खाकी से लिपटे दो जिस्म आपसी रजामंदी से ४ साल तक हम बिस्तर होते रहे वो अब कोर्ट-कचहरी के चककर काटेंगे। मामला राज्य के जांजगीर जिले का है, महिला एएसआई की शिकायत पर थानेदार साहेब के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया गया है। अपराध दर्ज होने के बाद से थानेदार फरार बताया जा रहा है। यहां ये बताना लाजिमी होगा की इस मामले में जाँच के बाद एसपी के निर्देश पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है।
दरअसल जांजगीर जिले में पदस्थ थानेदार प्रदीप आर्य ने बिलासपुर में पदस्थ महिला एसआई के साथ पहले तो प्यार का दिखावा किया, फिर शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा । बाद में उसने शादी से इंकार कर दिया। मामले की शिकायत महिला एसआई ने थाने व उच्चअधिकारियों से की। प्रारम्भिक जांच में आरोपों को सही पाया गया। जिसके बाद महिला थाने में थानेदार प्रदीप आर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया।
बताया जा रहा है कि साल 2011 से दोनों एक दूसरे के संपर्क में थे। पुलिस ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग लेने के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। इसी दौरान दोनों के बीच निकटता बढ़ी और फिर दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बना। प्रदीप ने झांसा दिया कि वो उससे शादी करेगा। करीब चार साल तक ये सिलसिला चलता रहा, लेकिन उसके बाद प्रदीप आर्या ने शादी से इंकार कर दिया। आरोप है कि इस मामले में जब महिला एसआई ने पुलिस में मामला दर्ज कराने की धमकी दी, तब वो शादी के लिए राजी भी हुआ था, लेकिन फिर से शादी से मुकर गया।
अपराध दर्ज होने के बाद से थानेदार प्रदीप आर्य फरार बताया जा रहा है। हालांकि अपराध दर्ज होने के कुछ समय पहले ही आरोपी थानेदार को लाइन अटैच कर दिया गया था। पुलिस बलात्कार के आरोपी थानेदार की सरगर्मी से तलाश कर रही है। पुलिस सूत्रों की माने तो जल्द ही प्रदीप आर्या सलाखों के पीछे होगा।
-----------------------------------
[TODAY छत्तीसगढ़ ] / बेरोजगारी का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के हजारों युवा पिछले सात साल से पुलिस भर्ती के लिए रात दिन तैयारियों में जुटे रहे, पिछले दिनों राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया के लिए एक विज्ञापन जारी किया जिसने उन हजारों युवाओं के सपनों को रौंद डाला जो पिछले सात साल से परीक्षा की तैयारियों में जुटे थे। अब उन बेरोजगार युवाओं की मांग है की राज्य सरकार पहले की तरह इस बार भी भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट दे। हम आपको बता दें की साल 2008 और 2011-2012 में हुई भर्ती के दौरान सरकार ने अभ्यर्थियों की मांग पर राज्य सरकार ने आदेश को शिथिल करते हुए आयु सीमा में छूट दी थी।
दरअसल पूरा मामला कुछ यूँ हैं, राज्य सरकार ने साल 2018-2019 के लिए सूबेदार, उपनिरीक्षक और प्लाटून कमांडर के पद की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। इस भर्ती में सूबेदार के लिए कुल 25 पद हैं जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 8 और ओबीसी के लिए तीन पद स्वीकृत है। बाकी के 14 पद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। इसी तरह सब इन्स्पेक्टर के कुल पद 400 हैं जिसमें सामान्य वर्ग के लिए १७६ पद रखा गया है। विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी विज्ञापन में न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम 28 वर्ष रखी गई है, आयु सीमा के दायरे से वो अभ्यर्थी आज की तारिख में बाहर होते दिख रहें हैं जो भर्ती के इंतज़ार में पिछले सात साल से तैयारी कर रहें हैं।
पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश का हवाला देते हुए बिलासपुर जिले के हजारों अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर मांग की है पिछले सात साल के गैप को ध्यान में रखकर अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष को बढ़ाया जाये या फिर पिछले सालों की तरह एक बार फिर आयु सीमा के बंधन में छूट दी जाये। यहां ये बताना लाजिमी होगा की राज्य सरकार के निर्देश पर साल 2008 और 2011-2012 में अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट प्रदान की गई थी। अपनी मांगों को लेकर अभ्यर्थी लगातार सरकार से मांग कर रहें हैं, रविवार को सैकड़ों युवा इसी मांग को लेकर गांधी चौक में जुटेंगे। सालों से पुलिस भर्ती की तैयारियों में जुटे युवा मानते हैं की सरकार की अनदेखी से हजारों बेरोजगार युवाओं का भविष्य अन्धकार में पड़ सकता है।
---------------------------