[TODAY छत्तीसगढ़ ] / छोट-छोटी बातों पर आज का युवा और बच्चे कभी अपने घरवालों की जान ले रहें है तो कभी अपने दोस्तों को मौत के घाट उतारने से बाज नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं युवा और बच्चों में इस दौर में बढ़ता आक्रोश बढ़ते अपराध की बड़ी वजह बनता जा रहा है, आपराधिक प्रवित्ति बढ़ने के चलते वो मारने - मरने पर आमादा दिखाई देते हैं। इस बात का खुलासा कल हुई हत्या की घटना से होता है, पैसों के आपसी लेन-देन में गहराया विवाद ह्त्या जैसे जघन्य अपराध को जन्म दे गया। ह्त्या के आरोपी कोई और नहीं बल्कि मारे गए युवक के दोस्त हैं। सबसे बड़ी बात ये की हत्या की इस वारदात में पकडे गए आरोपियों में दो नाबालिग भी हैं जिन्हे शायद क़त्ल जैसी संगीन वारदात को करने से पहले अंजाम की ख़बर नहीं रही होगी।
क़त्ल की इस संगीन वारदात के सम्बन्ध में पुलिस से हासिल जानकारी के मुताबिक़ बिलासपुर शहर के सरजू बगीचा में रहने वाले सुधीर सिंह चौहान का 20 साल का बेटा आदित्य सिंह चौहान 4 सितम्बर को अचानक लापता हो गया। देर रात तक घर वापसी ना होने पर परिजनों ने तलाश शुरू की, यहां तक की कइयों बार आदित्य के मोबाइल पर काल भी लगाया गया लेकिन काल रिसीव नहीं हुआ। आशंकाओं से घिरे परिजन दूसरे दिन यानी 5 सितम्बर को सिविल लाइन थाना पहुंचे जहां पुरे वाकये की जानकारी देकर बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। प्राथमिक सुचना दर्ज होते ही पुलिस हरकत में आई, साइबर सेल के जरिये आदित्य के मोबाइल नंबर का लोकेशन हासिल किया गया। मोबाइल लोकेशन के हिसाब से आदित्य राज्य के रायगढ़ में था, इस बीच परिजनों ने पुलिस को इतल्ला दी की 4 सितम्बर की दोपहर आदित्य अपने दोस्त इमलीपारा निवासी किशन यादव के साथ देखा गया था। इस सुचना पर पुलिस ने किशन यादव की तलाश शुरू की, संदेह के दायरे में आया किशन पुलिस को घर में नहीं मिला लिहाजा पुलिस का शक और बढ़ता गया।
इधर आदित्य के घर वाले बेटे की तलाश में यहां-वहां भटकते रहे, पुलिस को इस मामले की गुथ्थी सुलझाने के लिए किशन यादव की तलाश थी। तफ्तीश में जुटी सिविल लाइन पुलिस ने किशन यादव की खोजबीन के लिए क्राइम ब्रांच को भी लगाया। गुमशुदगी की रिपोर्ट पर आदित्य की तलाश करती क्राइम ब्रांच की टीम को शहर में आदित्य की मोटरसाइकिल क्रमांक सीजी 10 एजी 2677 दिखाई पड़ी, तत्काल बाइक सवार युवक को रोका गया। पकड़ा गया युवक कोई और नहीं बल्कि किशन यादव था। शुरुवाती पूछताछ में किशन पुलिस को गुमराह करता रहा, उसने पुलिस को बताया की 4 सितम्बर को वो आदित्य के साथ ही था लेकिन उसी शाम उसे घर के पास छोड़ आया था। किशन की बातों पर पुलिस को एतबार नहीं था, लिहाजा थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया गया। देखते-ही देखते गुमशुदा आदित्य की खबर मिल गई।
किशन ने पुलिस को बताया की उसका आदित्य से पैसों को लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा था, आदित्य से उससे 15 हजार रूपये बतौर उधार लिए थे जिसकी एवज में आदित्य 25 हजार रुपये वापस चाहता था। 25 हजार ना देने की वजह से आदित्य का अक्सर किशन से विवाद होता था। विवाद से परेशान किशन ने तिफरा यदुनंदन नगर में रहने वाले दो नाबालिक दोस्तों के साथ मिलकर आदित्य को मारने की साजिश रची। 4 सितम्बर की दोपहर सुनियोजित प्लान के मुताबिक किशन, आदित्य को लेकर यदुनंदन नगर में रहने वाले दोस्त के घर पहुंचा। वहां से आदित्य को पैसा देने का लालच देकर पास ही दूसरे दोस्त के निर्माणाधीन मकान में ले जाया गया। चूँकि सारा जाल पहले से बिछाया हुआ था, सो आदित्य के मौके पर पहुँचते ही उसके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। इसी बीच एक नाबालिक ने बेसबाल के डंडे से आदित्य के सर पर जोरदार प्रहार किया और देखते ही देखते आदित्य के जीवन की इहलीला समाप्त हो गई। ह्त्या को अंजाम देने के बाद किशन और उसके साथी मौके से भागे नहीं बल्कि लाश को ठिकाने लगाने के इंतज़ाम में जुट गए, लाश को पहले पेपर में लपेटा गया फिर एक लाल कपडे में बांधकर रात होने का इंतज़ार किया गया। आरोपियों ने 4-5 सितंबर की दरम्यानी रात मौक़ा देखकर पास ही गोकने नाले में लाश को फेंक दिया और अपने-अपने घर लौट गए।
हत्या की इस वारदात में शामिल किशन यादव और उसके दो अन्य साथी फिलहाल पुलिस के शिकंजे में हैं। पुलिस ने तफ्तीश में बताये गए मौके से गुरुवार शाम लाश जब्त कर ली है। हत्या में प्रयुक्त हथियार और अन्य सामानों को जुटाने के बाद पुलिस इन्हे न्यायलय भेजेगी।
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