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सिलक्यारा सुरंग : श्रमिकों को बाहर निकालने में 'समय लगेगा', दबाव में नहीं बहुत सावधानी से काम करना होगा - NDMA


 नयी दिल्ली ।  TODAY छत्तीसगढ़  /  राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में समय लग सकता है क्योंकि ऑगर मशीन में बार-बार खराबी आ रही है।

उन्होंने कहा कि फंसे हुए 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब लंबवत 'ड्रिलिंग' पर ध्यान केंद्रित किया गया है। बचाव कार्यों की प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए एनडीएमए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि  

श्रमिकों को बाहर निकालने में 'समय लगेगा' क्योंकि सब कुछ बहुत सावधानी से करना होगा। उन्होंने कहा कि अब ध्यान लंबवत 'ड्रिलिंग' पर है और अभियान "अगले 24 से 36 घंटे" में शुरू हो सकता है क्योंकि मशीनों को सुरंग के ऊपरी हिस्से में एक 'प्लेटफॉर्म' पर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुरंग के ऊपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए लगभग 86 मीटर तक लंबवत 'ड्रिलिंग' की आवश्यकता है। चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे। तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं।

एनडीएमए सदस्य ने कहा कि बहुत मुश्किल अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दो विधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन एक तीसरी विधि यानी 'ड्रिफ्ट' विधि का भी जल्द ही इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 47-मीटर क्षेतिज 'ड्रिलिंग' पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन के टूटे हुए हिस्से को हटाना होगा और 'ड्रिल' किए गए ढांचे स्थिर रखना होगा। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ढहे हिस्से में की जा रही 'ड्रिलिंग' शुक्रवार रात पुनः रोकनी पड़ी थी। शुक्रवार को 'ड्रिलिंग' बहाल होने के कुछ देर बाद ऑगर मशीन स्पष्ट रूप से किसी धातु की वस्तु के कारण बाधित हो गई थी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि श्रमिकों को निकालने के लिए 'ड्रिलिंग' के कार्य में इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन के ब्लेड मलवे में फंस गए हैं। अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि 'ड्रिलिंग' में इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि बचाव दल लंबवत और हाथ से 'ड्रिलिंग' सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। 

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