आपको बता दें की बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी अपनी कार्यशैली और अनुशासन को लेकर विभाग में अलग पहचान रखते हैं। पिछले कुछ दिनों से वे बिलासपुर रेंज के अलग-अलग थानों में अचानक पहुंचकर पुलिसिंग और कामकाज की पड़ताल कर रहें हैं। हाल ही में उन्हें सरगुजा रेंज के आईजी का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है लिहाजा वे बिलासपुर रेंज के साथ-साथ सरगुजा रेंज के थानों का भी अकस्मात दौरा कर रहें हैं। आईजी के एक्शन मोड के चलते कइयों लापरवाह पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को उनकी नाराजगी का भी सामना करना पड़ा है।
आज उसी कड़ी में आईजी रतनलाल डांगी सिविल लाईन थाने का निरीक्षण करने पहुंचे। आईजी को सिविल लाइन थाने में रिकार्ड व्यवस्थित नही मिलने और कामकाज में होती लापरवाही को समझने में जरा भी देर नहीं लगी। उन्होंने एक तरफ थाने की अव्यवस्था पर काफी नाराजगी दिखाई तो दूसरी तरफ पेंडेंसी चेक करते हुए एक विवेचक के पास पचास से ज्यादा विवेचना के मामले देख कर वो हैरान रह गए। उन्होंने थानेदार सुरेंद्र स्वर्णकार को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि टीआई का अपने ही थाने में नियंत्रण नही है। यकींनन इसी वजह से पेंडिंग पड़े केस बढ़ते जा रहे है जिस पर आगे जांच नही हो पा रही है ।
मामले की गंभीरता को देखते-समझते हुए तेज तर्रार आईजी रतनलाल डांगी ने थानेदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिये गए है। आईजी ने बताया कि औचक निरक्षण का मकसद थानों की व्यवस्था सुधारना है। प्रदेश के डीजीपी ने भी साफ निर्देश दिए है कि सभी आईजी व एसपी लगातार थानों का निरक्षण करें, आगे भी थानों के निरक्षण का काम जारी रहेगा। उन्होंने अपनी मंशा को एकदम स्पष्ट किया कि काम में लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी, जहां जरूरत होगी वहां सख्त कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद जनता के लिए एक बेहतर और अच्छी पुलिसिंग व्यवस्था बनाना है।

