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सुप्रीम कोर्ट नाराज : IT एक्ट की धारा 66A रद्द होने के बाद भी दर्ज हो रहे केस

 TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली / सुप्रीम कोर्ट ने IT एक्ट की धारा 66A रद्द होने के बाद भी मामले दर्ज होने को लेकर नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने धारा 66A रद्द करने के बाद भी मुकदमें दर्ज करना चौंकाने वाला, आश्चर्यजनक और परेशानी भरा बताया है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बेहद हैरानी भरा मामला है. हम इसको लेकर कोई कदम उठाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. यह जवाब दो हफ्ते में देने को कहा गया है. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

याचिकाकर्ता PUCL की ओर से पेश याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिक्रिया दी. सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च, 2015 को अदालत द्वारा असंवैधानिक घोषित सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए के तहत FIR दर्ज करने के खिलाफ सभी पुलिस थानों को सलाह जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की.याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार  को निर्देश दे कि वो एडवाइजरी जारी करे कि कहीं भी इस धारा के तहत FIR दर्ज ना हो.

एनजीओ (NGO PUCL) ने ये याचिका दाखिल की है. पीयूसीएल ने अदालत से केंद्र को FIR या जांच के संबंध में सभी डेटा एकत्र करने का निर्देश देने का आग्रह किया है, जहां धारा 66 ए लागू की गई है और साथ ही देश भर की अदालतों में मामले लंबित हैं. दरअसल श्रेया सिंघल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था.

दरअसल, आईटी ऐक्ट के दुरुपयोग को लेकर लंबे समय से शिकायत की जा रही थी, इसको लेकर अदालत में भी याचिका दाखिल की गई थी. इसको लेकर सोशल मीडिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल भी उठा था, जिसे अदालत ने बेहद महत्वपूर्ण माना था.

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