TODAY छत्तीसगढ़ / रायपुर / हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अंत्येष्टि में शामिल होने के बाद दिल्ली पहुँचें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी आलाकमान श्रीमती सोनिया गाँधी से मुलाक़ात कर राज्य और राजनीति से जुड़े कई अहम् मुद्दों पर चर्चा की। दिल्ली से लौटकर राजधानी रायपुर पहुंचें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवाददाताओं से बातचीत की और ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर किये गए सवाल पर हंसकर जवाब दिया और आगे बढ़ गए। मुख्यमंत्री ने माना कि ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फॉर्मूले का मुद्दा मीडिया का बनाया हुआ है, वैसे उन्हें पार्टी आलाकमान ने सीएम की जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी प्रमुख का जिस दिन आदेश होगा मुख्यमंत्री कुर्सी से हट जायेंगे। भूपेश बघेल ने स्पष्ट कहा पार्टी में जिसे जो जिम्मेदारी सौंपी जायेगी वो उसे पूरी ईमानदारी से निभाएगा। मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा अब 2 धन 2 तो 4 ही होगा। चाहे एक बार पूछो या 100 बार, लाख, करोड़, अरबों-खरबों बार पूछो तो भी 2 धन 2 बराबर 4 ही हाेगा। वह घिसके पौने चार अथवा बढ़के सवा चार नहीं हो जाएगा।
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एआईसीसी के निर्देश पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अंतिम दर्शन के लिए शनिवार को शिमला पहुंचे थे। वहां से रविवार को दिल्ली पहुंचें। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया से अलग-अलग मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सरकार के नए कार्यक्रमों-नीतियों और सफलताओं की जानकारी दी। उसके अलावा प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और संगठन की गतिविधियों पर भी बात हुई है।
छत्तीसगढ़ सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है, विपक्ष के इस आरोप के संबंध में जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल पूछा गया तो जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर कार्यक्रम फेल है । उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं की आदत है कि अपनी गलतियां दूसरों पर मढ़ दो। इसका ताजा उदाहरण केंद्रीय मंत्रिमंडल का फेरबदल है। लॉकडाउन और वैक्सीन का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद लिया। टीका उत्सव मनाने का निर्देश भी उनका था। टीके में से 25 प्रतिशत राज्यों को, 25 प्रतिशत निजी क्षेत्र को और 50 प्रतिशत केंद्र सरकार को देने का फैसला भी उनका ही था। टीका देश से बाहर भेजने का फैसला भी मोदी जी का ही था।
जब पूरे देश में वैक्सीनेशन में आलोचना हुई तो सारा दोष डॉ. हर्षवर्धन पर मढ़कर उनकी छुट्टी कर दी गई। दरअसल मोदी जी का कोई कार्यक्रम सफल नहीं हुआ है। भूपेश बघेल ने कहा, अब तो केंद्र सरकार किसानों को रासायनिक खाद भी नहीं पहुंचा पा रही है। देश में डीएपी और यूरिया खाद की भारी किल्लत है। उस पर तुर्रा यह है कि जो गैर भाजपा शासित राज्य हैं वहां डीएपी और यूरिया की आपूर्ति में भेदभाव किया जा रहा है। जितनी खाद मध्य प्रदेश अथवा यूपी को मिल रही है उतनी छत्तीसगढ़ को नहीं मिल पा रही। उन्होंने कहा, यह भेदभाव करने का काम केंद्र सरकार कर रही है।