Slider

... और उनकी नुमाईश से बढ़ती हरियाली !

TODAY छत्तीसगढ़  / सत्यप्रकाश पांडेय /  देश के कुछ चुनिंदा राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ भी साल के कुछ महीनों में ज्यादा ही हरा-भरा नज़र आने लगता है। राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों, शहरी सीमा और सरकारी दफ्तरों के इर्द-गिर्द हरियाली का वो आलम हर साल बस देखते ही बनता है। ऐसे में पिछले दिनों राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ''मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना" का आरम्भ कर कई गुना हरियाली बढ़ने की उम्मीद सूबे के रहने वालों को दे डाली है। साल के इन महीनों में अख़बार, चैनल [स्थानीय] और अन्य प्रचार माध्यम से भी प्रदेश में बढ़ती हरियाली का आसानी से पता लगाया जा सकता है। 

TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

हर साल की तरह इस बरस भी राज्य का बिलासपुर जिला और शहरी क्षेत्र पौधारोपण करने वालों के पर्यावण प्रेम को देखकर अभिभूत होने की तैयारी कर चुका है। दरअसल शहर और उसके आस-पास के इलाकों के एकायक हरे हो जाने की सही ख़बरें फेसबुक, वाट्सअप यूनिवर्सिटी पर देखि जा सकती हैं। पौधा रोपने की योजना से लेकर पौधा रोप देने तक का सारा अपडेट्स इन जगहों पर मिलेगा। लिपे-पुते चेहरों और चमकते साफ़-सुथरे कपड़ों से घिरी हरियाली अचानक प्रकृति के रक्षकों के बीच खुद को सबल पाती है। 

बिलासपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद अरुण साव पिछले दिनों एक कार्यक्रम में पौधा रोपते हुए  
अब भला इस तस्वीर को ही ले लीजिये, एक पौधा जो सियासी और सामाजिक भीड़ से घिरा हुआ है। तस्वीर में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद हैं, कहते हैं इनका मोदी लहर में अरुणोदय हुआ। सांसद के इर्द-गिर्द पौधारोपण में हाथ बटाती भीड़ के चेहरे पर कुछ बनावटी ही सही मगर मुस्कान है, ये मुस्कान कर्तव्य बोध की है। ये मुस्कान प्रकृति के संरक्षण में निभाई गयी सहभागिता की है। ये तस्वीर सोशल साइट्स पर इन दिनों स्थानीय लोगों के बीच चर्चा में है। इस शहर को हरियर बनाने में अपना योगदान दे चुकी एक और तस्वीर, इसमें बिलासपुर शहर के महापौर रामशरण यादव के अलावा कांग्रेस से जुड़े दूसरे नेता भी हैं। कइयों ने पौधे मंगाए हैं, लगाने की तारीख़ तय होते ही मुस्कुराता चेहरा सोशल साइट्स पर संदेशात्मक शब्दों के साथ हाजिर होगा। 

बिलासपुर नगर पालिक निगम के महापौर रामशरण यादव के साथ अन्य कांग्रेसजन 

इस तरह की तस्वीरों का चलन पहले भी था, अब ज्यादा है। पहले कागजों में बढ़ाई जाने वाली हरियाली को पनपने का मौक़ा या ये कहें की प्लेटफॉर्म नहीं मिलता था। अब ढेरों प्लेटफार्म और मंच है। एक पौधा, दर्जनों लोग जीतनी जगह चाहें उतनी जगह हरियाली का संदेश दे सकते हैं।  छत्तीसगढ़ में अब तो  ''मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना" शुरू हो गई है, सुना है रोपे गए पौधों की संख्या पर ईनाम-विनाम भी मिलेगा। तैयारियां जोरो पर हैं। 

राज्य के राजपुर क्षेत्र में वन अफसरों के बीच संसदीय सचिव चितामणि महराज 

अक्सर आपने देखा होगा सबसे पहला वृक्षारोपण फेसबुक, वाट्सअप या फिर इंस्टाग्राम और ट्वीटर पर होता है। इसके बाद इन सोशल साइटस पर अचानक प्रोफ़ाइल पिक्चर में पौधे पनपते दिखाई पड़ेंगे । यकीन मानिये इन ख़ास दिनों में  फेसबुक, वाट्सअप या फिर इंस्टाग्राम और ट्वीटर पर जितनी हरियाली दिखाई देती है उतनी हरियाली पुरे जहान में नहीं होगी। इन साइट्स को देखकर एक बारगी जंगल में घूमने का एहसास भी होता है। इस बीच कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो वृक्षारोपण महाअभियान में फेसबुक के आलावा कहीं और योगदान नहीं दे पाते उनकी मौजूदगी जंगल में जंगली जानवरों जैसी प्रतीत होती है । अरे ये तो कुछ भी नहीं है, जहाँ पहले व्हाट्सएप्प पर लोग मेसेज भेज कर किसी देवी देवता की सौगंध दिया करते थे वहीं लोग इस ख़ास मौसम में आज एक पेड़ की फोटो भेज कर इसकी-उसकी सौगंध देकर तस्वीर शेयर करने को कह रहे हैं । 

बिलासपुर के कोतवाली थाना में पौधरोपण / ये तस्वीर साल 2020 की है 

अभी पौधारोपण को लेकर सरकारी आयोजन होने बाकी है, विभाग का लक्ष्य होगा। लक्ष्य पूरा भी होगा। कई जगह ऐसे सरकारी और बड़े आयोजनों के लिए पहले पेड़ों को काटा जाएगा फिर वहां पौधा रोपने वालों की भीड़ पौधा रोपने के फायदे गिनाएगी। आयोजन स्थल के आस-पास बचे हुए पौधे रंग-रोगन का शिकार होंगे, आयोजन जितना रंगीन होगा हरियाली उतना ही खुशहाली फैलाएगी। शहर में आज तक ना जाने कितने ही पेड़ NGOs, सरकारी कार्यक्रमों और कुछ पर्यावरण प्रेमियों द्वारा लगाये जा चुके हैं, वो पौधे पेड़ बने या नहीं लगाने वालों को पूछिए, जवाब नहीं मिलेगा। 

                                           

© all rights reserved TODAY छत्तीसगढ़ 2018
todaychhattisgarhtcg@gmail.com