इसे लेकर गौरी शंकर ने कहा कि पिछले एक साल से पाठ्य पुस्तक निगम में गड़बड़ियों का खेल चल रहा है। इसमें निगम के अध्यक्ष कांग्रेस नेता शैलेष नितिन त्रिवेदी भी शामिल हैं। ठेके के तहत छपाई का काम करना प्रोग्रेसिव ऑफसेट को था मगर मीनल पब्लिकेशन नाम की दूसरी प्रिटिंग प्रेस में छपाई का काम नियमों के विरुद्ध हो रहा है। ये निविदा की शर्त के उल्लंघन का मामला है। हमने इस मामले में पुलिस से शिकायत की है। हम चाहते हैं कि इस मामले में शामिल लोगों और प्रिटिंग एजेंसी पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
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पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप सही नहीं। अगर किसी कंपनी ने जिसे ठेका दिया गया और काम कोई और कर रहा है तो ये निविदा शर्त के उल्लंघन का मामला हो सकता है। निविदा से जुड़ी प्रक्रिया या शिकायतों का निराकरण मैं नहीं पाठ्य पुस्तक निगम के जीएम, एमडी करते हैं। इस मामले की शिकायत मिलेगी और यदि सही पाई जाती है तो नियमत: जो कार्रवाई होगी की जाएगी।