TODAY छत्तीसगढ़ / बिलासपुर / गुरुवार को संत कबीर जयंती और रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कई आयोजन हुए जिनके माध्यम से संत कबीर के बताये मार्ग और रानी दुर्गावती के शौर्य और साहस पर न सिर्फ चर्चा हुई बल्कि सामजिक लोगों द्वारा उनके आदर्शों पर अनुसरण करने की अपील भी की गई।
इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संत कबीर को स्मरण करते हुए अपने ट्वीटर पर लिखा है कि 'छत्तीसगढ़ में भी संत कबीर के जीवनदर्शन का लोगों के जन-जीवन पर गहरा प्रभाव रहा है। संत कबीर ने अपने दोहों के माध्यम से भाईचारे, प्रेम, सद्भावना और सामाजिक समानता का संदेश दिया है। उन्होंने समाज में फैले आडंबर और जात-पात का सख्त विरोध किया। अपने दोहों के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर कठोर प्रहार किया। उन्होंने लोगों को सत्य, अहिंसा, दया, करूणा, परोपकार जैसे मानवीय मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा दी।'
मुख्यमंत्री ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 24, 2021
श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि रानी दुर्गावती ने मातृभूमि एवं आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। उनका साहस और बलिदान देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा। pic.twitter.com/CntnLpbtgS
सभी प्रदेशवासियों को संत कबीर दास जयंती के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 24, 2021
संत कबीर साहेब का जीवन दर्शन हर युग में प्रासंगिक है। वे सामान्य बोलचाल की भाषा में बड़ी सहजता से गहरी बात कह जाते थे। सरलता से सीधे कही गई उनकी बातें लोगों के दिल में अपनी पैठ बना लेती थी। pic.twitter.com/iVP3ip8QDR
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीरांगना रानी दुर्गावती को नमन करते हुए लिखा कि 'गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन। रानी दुर्गावती ने किसी के आगे घुटने नहीं टेके और मातृभूमि एवं आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। उनका साहस और बलिदान हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।
गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 24, 2021
रानी दुर्गावती भारत ऐसी महान वीरांगना हैं जिन्होंने अपने शौर्य और साहस से वीरता की एक नई इबारत लिखी। उन्होंने पति की मृत्यु के बाद न सिर्फ गोंडवाना सामाज्य को संभाला बल्कि अपनी कुशलता से उसे सम्पन्न भी बनाया। pic.twitter.com/UYSxy9iJ9k
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रानी दुर्गावती भारत की ऐसी महान वीरांगना हैं जिन्होंने अपने शौर्य और साहस से वीरता की एक नई इबारत लिखी। उन्होंने पति की मृत्यु के बाद न सिर्फ गोंडवाना सामाज्य को संभाला बल्कि अपनी कुशलता से उसे सम्पन्न भी बनाया।'
आज प्रदेश के विभिन्न इलाकों में रहने वाले कबीर पंथी और गोंडवाना समाज ने वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य गाथा को नमन किया।