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रानी दुर्गावती के शौर्य और जयंती पर कबीर के आदर्श दोहराये गए


TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर / गुरुवार को संत कबीर जयंती और रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कई आयोजन हुए जिनके माध्यम से संत कबीर के बताये मार्ग और रानी दुर्गावती के शौर्य और साहस पर न सिर्फ चर्चा हुई बल्कि सामजिक लोगों द्वारा उनके आदर्शों पर अनुसरण करने की अपील भी की गई।

 इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संत कबीर को स्मरण करते हुए अपने ट्वीटर पर लिखा है कि 'छत्तीसगढ़ में भी संत कबीर के जीवनदर्शन का लोगों के जन-जीवन पर गहरा प्रभाव रहा है। संत कबीर ने अपने दोहों के माध्यम से भाईचारे, प्रेम, सद्भावना और सामाजिक समानता का संदेश दिया है। उन्होंने समाज में फैले आडंबर और जात-पात का सख्त विरोध किया। अपने दोहों के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर कठोर प्रहार किया। उन्होंने लोगों को सत्य, अहिंसा, दया, करूणा, परोपकार जैसे मानवीय मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा दी।' 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीरांगना रानी दुर्गावती को नमन करते हुए लिखा कि 'गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन। रानी दुर्गावती ने किसी के आगे घुटने नहीं टेके और मातृभूमि एवं आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। उनका साहस और बलिदान हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।

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रानी दुर्गावती भारत की ऐसी महान वीरांगना हैं जिन्होंने अपने शौर्य और साहस से वीरता की एक नई इबारत लिखी। उन्होंने पति की मृत्यु के बाद न सिर्फ गोंडवाना सामाज्य को संभाला बल्कि अपनी कुशलता से उसे सम्पन्न भी बनाया।'

आज प्रदेश के विभिन्न इलाकों में रहने वाले कबीर पंथी और गोंडवाना समाज ने वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य गाथा को नमन किया। 

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