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दवा के लिए 300 किलोमीटर चलाई साईकिल, 10 साल के बेटे का अस्पताल में हो रहा ईलाज

TODAY छत्तीसगढ़  / कर्नाटक में मैसूर जिले के कोप्पलू गांव से एक इमोशनल कर देने कर देने वाली खबर सामने आई है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते कर्नाटक में लॉकडाउन लगाया गया है. परिवहन सुविधा न होने के चलते एक पिता ने अपने 10 साल के बेटे की जान बचाने के लिए 300 किमी का सफर साइकिल पर तय किया है. इसमें उनको तीन दिन का समय लगा. जब लोगों को इसकी जानकारी हुई हर कोई आनंद की हिम्मत को सलाम करने लगा.

45 साल का आनंद एक गरीब मजबूर है उसके बेटे का पिछले 10 सालों से बेंगलुरु के निमहंस अस्पताल में इलाज चल रहा है. आनंद दो महीनों में एक बार निमहंस में बच्चे की दवाइयां लेने आता था. लॉकडाउन की वजह से सब कुछ बंद है इसलिए उसे इतना लंबा सफर साइकिल से तय करना पड़ा.  

कोप्पलू गांव के रहने आनंद दवा लेने के लिए साइकिल से 23 मई को निकले थे और 26 मई को दवाओं के साथ वापस लौटे. डॉक्टर्स ने आनंद से कहा था कि बच्चे के 18 साल से पहले अगर दवाएं बंद कर दीं तो मिर्गी के दौरे पड़ने की आशंका ज्यादा होती है. जब डॉक्टर्स को उसके इतनी दूर साइकिल से आने की बात पता चली तो उन्होंने उसे एक हजार रुपये भी दिए.

आनंद के बेटे के अलावा उसकी एक बेटी भी है, आनंद ने बताया कि लगातार साइकिल चालाने के बाद अब उसकी कमर में काफी दर्द हो रहा था. उसने डॉक्टर से इसकी दवाई ली और वो पहले अच्छा महसूस कर रहा है. 

300 किमी साइकिल चलाकर बेटे के लिए दवा लाने के लिए आनंद की हर कोई तारीफ कर रहा है. सोशल मीडिया पर उनके जज्बे और हिस्मत की तारीफ हो रही है. लोग दूर-दूर से उनसे मिलने आ रहे हैं. ऐसे में कुछ स्थानीय नेता भी मौके पर चौका लगाने से नहीं चूक रहे हैं. कर्नाटक के यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता कोप्पलू गांव आनंद से मिलने पहुंचे और उन्होंने उसे कुछ दवाएं और राशन दिया. जब इन नेताओं की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो कई इन नेताओं को खरी खोटी सुनाने लगे.  - आज तक

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