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सिलगेर कैम्प को लेकर चल रहे आंदोलन का स्वरूप बदला, 25 दिन से जारी है प्रदर्शन


 TODAY छत्तीसगढ़  /  दोरनापाल । सुकमा और बीजापुर सीमावर्ती इलाके में बने नए सिलगेर कैंप को लेकर लगभग 25 दिनों से चल रहे आंदोलन पर अब प्रभाव देखने को मिल रहा है। बुधवार को सिलगेर से लगभग 2 किलोमीटर दूर प्रदर्शन स्थल में लगभग 5000 की संख्या में प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी में आदिवासी एवं गोंडवाना समाज के प्रमुख और समाजसेवी सोनी सोरी की मौजूदगी में आंदोलन को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया। निर्णय यह था कि COVID-19 को देखते हुए विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा में बदलाव किया जा रहा है, जिसके बाद प्रदर्शन स्थल में आज विरोध का आखिरी दिन था। माना जा रहा है कि जिस तरह से एक बड़ा आंदोलन शिविर में चल रहा था, अब वह नए रुपरेखा के अनुरूप किया जाना है और नए रूपरेखा के तहत यह आंदोलन धरना में तब्दील हो सकता है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

ग्रामीणों ने मौके पर हुई बातचीत में कहा कि यह आंदोलन अभी भी जारी रहेगा। बेशक यह सभा आज खत्म हो जाएगी और यहां से भीड़ हट जाएगी, लेकिन सड़क में लगाए गए लकड़ी के बैरिकेड तब तक नहीं उठेगे, जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है और इस सड़क से आवाजाही भी नहीं होगी सरकार के समक्ष 6 सूत्रीय मांगे रखी गई थी, जिस पर अभी तक स्पारीकरण नहीं आया है और सरकार ने एक भी मांगों को पूरा नहीं किया है। जब तक मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ की टीम सिलगेर पहुंच ग्रामीणों के निर्णय को जानने पहुंची, जहां पाया कि बढ़ते मानसून और COVID-19 को धान में रखते हुए विरोध प्रदर्शन के रुपरेखा में बदलाव किया जा रहा है। 

समाजसेवी सोनी सोरी ने बताया कि आगामी रूपरेखा कलेक्टर से चर्चा के बाद ही तय की जाएगी, इसके तहत सुकमा या बीजापुर जिला मुख्यालय में COVID-19 के तहत लोगों के साथ धरना स्थल पर धरना दिया जाएगा और बावजूद अगर उनकी मांगें नहीं पूरी होती है तो संभाग मुख्यालय में भी कुछ करने की बात कही। प्रदर्शन को लेकर बड़े निर्णय से पहले बड़ी संख्या में हजारों ग्रामीण वापस कैंप की ओर बढ़े और प्रदर्शन की एक और कड़ी में बड़ी संख्या में कैम के सामने पोस्टर और पर्चे लगाए, जो कैंप के सामने चारों ओर देखने को मिल रहे हैं। इन पर्चों में वह सभी मांगे हैं, जो सरकार के समक्ष रखी गई। इसके अलावा कई जगह नारे भी देखने को मिले।

निर्णय के बाद समाज का प्रतिनिधिमंडल करेगा कलेक्टर से चर्चा

गौरतलब है कि सिलगेर मामले में समाज के प्रतिनिधिमंडल द्वारा सिलमेर मामले में प्रदर्शन स्थल में इस बड़े निर्णय पर चर्चा के बाद ग्रामीणों से चर्चा भी किया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि प्रदर्शन का यह बड़ा स्वरूप अब बदल जाएगा और COVID-19 जैसे वहां प्रदर्शन रुक सकता है, इसकी जगह यह प्रदर्शन जिला मुख्यालय में बतौर धरना हो सकता है, जिसको लेकर पहले जिला प्रशासन से अनुमति और COVID-19 के तहत धरना की रूपरेखा तैयार करने कलेक्टर से मिलेंगे। इस पूरे मसले पर 9 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्रामीणों से मांग भी इस सभा में तैयार किया गया, जिसको लेकर प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मुलाकात करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में तेलम बोरैया, बुर्का नरेंद्र सुशील हेमला, अमित सुखमती है।

                                           
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