शुक्रवार को सरेंडर करने के बाद माओवादी दंपती ने पुलिस को बताया कि, संगठन में रहते हुए हमें एक दूसरे से प्रेम हुआ। लेकिन इसकी खबर हमने साथियों को लगने नहीं दी, क्योंकि नक्सली प्यार के दुश्मन हैं। संगठन में रहते हुए हमनें छिपकर शादी तो कर ली, लेकिन एक दूसरे को खुशियां नहीं दे पा रहे थे। इसलिए संगठन छोड़कर हमने सरेंडर करने का निर्णय लिया। बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप ने कहा कि माओवाद का दामन छोड़ कर नक्सली दंपती पुलिस के पास पहुंचे। हमने इनका स्वागत किया और विधिवत सरेंडर करवाया।
इन इलाकों में थे सक्रिय - कोरसा को साल 2002 में गंगालूर सीएनएस अध्यक्ष दिनेश मोडियाम ने सीएनएम सदस्य के रूप में संगठन में भर्ती किया था। 2010 में जनताना सरकार अध्यक्ष सुक्की पूनेम के द्वारा जप्पेली कांडकापारा के जीआरडी सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 2016 में मिलिशिया सदस्य व वर्ष 2019 में मिलिशिया प्लाटून सेक्शन कमाण्डर के पद पर पदोन्नत किया गया था। वहीं अनिता को 2003 में नैमेड़ मिलिशिया कमाण्डर रमेश पूनेम ने घुमरा बाल संघम में शामिल किया था। 2010 में जप्पेली कांडकापारा केएएमएस सदस्य बनी। इसे बड़े लीडरों के द्वारा महिलाओं को संगठन में जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई थी।
कोरसा लच्छू इन घटनाओं में था शामिल -
वर्ष 2017-18 में नैमेड बाजार में सहायक आरक्षक तेलम मरूम की हत्या में शामिल था।
अप्रैल 2021 में मिनगाचल वाटर प्लांट में लगे वाहनों की आगजनी में शामिल था।
वर्ष 2021 में नैमेड़ गागरूपारा में 1 पुलिस जवान की हत्या की घटना में भी शामिल था।