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'मोहल्ला क्लास' बच्चों के लिए संजीवनी, टीचर्स एसोसिएशन ने कहा बढ़ते कोरोना संक्रमण में तत्काल बन्द हो ऑफलाइन क्लास


TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के ग्राम चोरभठ्ठीकला गाँव की यह तस्वीर बताती है कि राज्य सरकार शिक्षा के प्रति संवेदनशील है। 'मोहल्ला क्लास' के नाम पर शिक्षक बच्चों को शिक्षा की संजीवनी बाँट रहें हैं। वैश्विक महामारी 'कोरोना (कोविड-19) के भीषण प्रकोप के बीच छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास उन बच्चों के भविष्य के लिए है जिन्हें ऑनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जानकारी के मुताबिक जिन बच्चों के पास एंड्रायड मोबाइल नहीं हैं, उनके लिए 'मोहल्ला क्लास' के माध्यम शिक्षा की व्यवस्था की गई है, इसके लिए शिक्षक किसी भी गाँव में जाकर कोई सुरक्षित और सार्वजनकि स्थान पर 20 से 25 बच्चों को एकत्र करते हैं। शारीरिक दुरी और मास्क की अनिवार्यता के साथ उन्हें बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। 'मोहल्ला क्लास' के माध्यम से अलग-अलग स्थानों पर प्राथमिक और माध्यमिक शाला के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक भले ही राज्य सरकार के आदेशों का पालन कर रहें हैं मगर कोरोना संक्रमण का बढ़ता खतरा भी उनके और बच्चों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। 
इधर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा समेत संघ के अन्य पदाधिकारियों ने जारी एक विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि प्रदेश के अलग अलग क्षेत्र में मोहल्ला क्लास, पढ़ाई तुंहर पारा, लाउडस्पीकर स्कूल, मोटरसायकल गुरुजी आदि ऑफलाइन क्लास शिक्षको में कोरोना संक्रमण का कारण बन गया है, शिक्षको के परिवार, बच्चे व उनके परिजन में भी दहशत का माहौल है। ऐसे ऑफलाइन क्लास को शासन तत्काल बन्द करे। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विद्यार्थियों के अध्ययन – अध्यापन के लिए प्रारंभ किया गया “पढ़ाई तुंहर द्वार ” देश मे सुर्खियों में है, वर्तमान में इसके माध्यम से राज्य के विद्यालयों में पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है जिसकी उपलब्धि बहुत ही न्यून है, जिसके पीछे अनेक कारण है यथा:- नेटवर्क की समस्या, एनरॉयड मोबाइल फोन की अनुपलब्धता, शिक्षक, छात्र व पालकों में इस वेब पोर्टल के प्रति आकर्षण का अभाव प्रमुख है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 


इस वेब पोर्टल को लांच हुए लगभग 5 माह का समय गुजर चुका है अब तक इस अवधि में प्रत्येक क्लास में अनुमानतः 30 से 40% कोर्स का अध्यापन हो जाना था, बच्चो के नही जुड़ पाने के कारण यह भी केवल सीखने सिखाने तक ही है। प्राथमिक स्तर की बच्चों के अध्ययन – अध्यापन हेतु बस्तर मॉडल के अनुरूप पूरे प्रदेश में लाउडस्पीकर के माध्यम से शिक्षा देने हेतु शिक्षकों को प्रेरित किया जा रहा था, साथ ही 15 अगस्त को घोषणा अनुरूप मोहल्ला क्लास भी लेने हेतु शिक्षकों को कहने को तो स्वैछिक है, लेकिन पर्दे की पीछे दबाव बनाया जा रहा है, इसी अनुक्रम में राज्य के आला अधिकारियों का विभिन्न जिलों में दौरा कार्यक्रम संचालित है।
जानकारी के अनुसार अधिकारियों के आगमन की तैयारी हेतु विगत 2-3 दिनों से की जा रही थी, उल्लेखनीय है कि जिन जगहों का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा किया जाना था उनमें से तखतपुर विकासखंड के भीमपुरी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अजय डाहिरे कोरोना पाजेटिव पाया गया है तथा करगीकला कंटेन्मेंट जोन में आ गया है। ऐसे ही रायपुर के चंदखुरी में 2 शिक्षक क्लास लेते कोरोना पाजेटिव हो गए, कोनारी, कोलिहापुरी, बेमेतरा, बलरामपुर दंतेवाड़ा के कई ऑफलाइन क्लास में शिक्षक पाजेटिव पाए गए जिसके बाद पालक भी चिंतित है।

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