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एम्स में अब हैंडशेक नहीं जय जोहार बोलकर होगा अभिवादन

TODAY छत्तीसगढ़  / अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अब चिकित्सक, मरीज और उनके परिजन एक दूसरे से हाथ मिलाकर नहीं बल्कि जय जोहार बोलकर एक दूसरे का अभिवादन (नमस्कार) करेंगे। भारतीय परंपरा के अनुसार स्वच्छता को बढ़ावा देने और संक्रमण नियंत्रण के लिए एम्स प्रबंधन ने यह कदम उठाया है।
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निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन म. नागरकर के निर्देशन पर सामान्य चिकित्सा विभाग ने इस संबंध में चिकित्सकों, मरीजों और उनके परिजनों को जागरूक बनाने के लिए अभियान शुरू किया है। कायाकल्प एवं स्वच्छता एक्शन प्लान के नोडल अधिकारी डॉ. सबा सिद्दकी के अनुसार जय जोहार की मदद से तेजी से फैलने वाले संक्रमण को आसानी के साथ रोका जा सकता है। हैंडशेक (हाथ मिलाने) परंपरा से एक-दूसरे के बीच कीटाणुओं के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हाथ जोड़कर जय जुहार करने से अभिवादन के साथ ही इस चुनौती का मुकाबला भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग के अन्य शिक्षक डॉ. केशव नागपुरे और चिकित्सा छात्रों ने इस संबंध में सघन अभियान छेड़कर सभी को जागरूक बनाने का बीड़ा उठाया है। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. करन पिपरे ने भी चिकित्सकों और छात्रों को जय जोहार के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. पिपरे ने बताया कि मरीजों के परिजनों के लिए नवनिर्मित कैंटीन 20 दिसंबर तक शुरू करने की योजना है। इससे परिजनों को खाने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके अलावा एम्स के डी ब्लाक में बन रहे 22 प्राइवेट और दो वीआईपी वार्ड भी निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच गए हैं। इनके बनने के बाद मरीजों और उनके परिजनों को प्राइवेट हॉस्पिटल के समान सुविधाएं इन वार्ड में उपलब्ध हो सकेंगी।
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