[TODAY छत्तीसगढ़] भारत ने अग्नि-2 का पहला रात्रि परीक्षण शनिवार को ओडिशा के डॉ अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक किया. यह विविधतापूर्ण मिसाइल सतह से सतह पर प्रहार करने की क्षमता रखती है और मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता संपन्न मिसाइल है. एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर-4 में एक मोबाइल लांचर से परीक्षण के कुछ समय बाद सूत्रों ने बताया कि मिसाइल में 2000 किलोमीटर तक प्रहार करने की क्षमता है. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) ‘अग्नि-2' को पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है. सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पहली बार अत्याधुनिक मिसाइल का रात में परीक्षण किया गया. डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के पूरे पथ पर अत्याधुनिक रडारों, टेलीमेट्री निगरानी केंद्रों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उपकरणों तथा दो नौसैनिक पोतों से नजर रखी गयी.
सूत्रों ने बताया कि 20 मीटर लंबी दो स्तर की बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण वजन 17 टन है और यह 2000 किलोमीटर की दूरी तक 1000 किलोग्राम का पेलोड लेकर जा सकती है. रक्षा अधिकारियों ने कहा कि दो स्तर की मिसाइल आधुनिक सटीक नौवहन प्रणाली से सुसज्जित है. ‘अग्नि-2' को एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर विकसित किया था.
इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) ‘अग्नि-2' को पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है. सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पहली बार अत्याधुनिक मिसाइल का रात में परीक्षण किया गया. डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के पूरे पथ पर अत्याधुनिक रडारों, टेलीमेट्री निगरानी केंद्रों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उपकरणों तथा दो नौसैनिक पोतों से नजर रखी गयी.
सूत्रों ने बताया कि 20 मीटर लंबी दो स्तर की बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण वजन 17 टन है और यह 2000 किलोमीटर की दूरी तक 1000 किलोग्राम का पेलोड लेकर जा सकती है. रक्षा अधिकारियों ने कहा कि दो स्तर की मिसाइल आधुनिक सटीक नौवहन प्रणाली से सुसज्जित है. ‘अग्नि-2' को एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर विकसित किया था.