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विधानसभा : सुपेबेड़ा में 68 लोगों की मौत सरकार ने स्वीकारी

[TODAY छत्तीसगढ़] / गरियाबंद के सुपेबेड़ा में किडनी बीमारी से 68 लोगों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने गुरूवार को विधानसभा में दी। उन्होंने कहा कि रक्त में यूरिया और क्रिएटनीन की मात्रा अधिक थी, किन्तु यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि मौतें किडनी बीमारी से ही हुई है। 
पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए मामला उठाया। उन्होंने कहा कि किडनी की बीमारी से जूझ रहे अनेक ग्रामीणों की हालत निरंतर खराब होती जा रही है। और उन्हें राज्य के बाहर पड़ोसी राज्य ओडिशा में इलाज के लिए भर्ती कराया जा रहा है। बीमारी के डर से सुपेबेड़ा और आसपास के गांवों में ग्रामवासियों का पलायन निरंतर जारी है। 
श्री सिंहदेव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा और आश्रित ग्रामों में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर बेहतर परामर्श दिया जा रहा है। मरीजों की बीमारी के अनुरूप जरूरत के अनुसार उच्च स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए जिला चिकित्सालय और मेकाहारा रायपुर को रेफर किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कुल मरीजों की संख्या 2 दिसंबर से 17 से अब तक 902 है और फालोअप मरीजों की संख्या 278 है। सामुदायिक केन्द्र स्तर पर सतत तौर पर चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की जा रही है। सीएचसी देवभोग में सेम्पल जांच से संभावित मरीजों को डायलिसिस की सलाह दी जाती है। डायलिसिस मशीन के संचालन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 
श्री सिंहदेव ने कहा कि पीएचई मंत्री के साथ खुद उन्होंने क्षेत्र का दौरा किया था। साथ ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पीएचई विभाग काम कर रहा है। पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने सरकारी प्रयासों की सराहना की और कहा कि पिछली सरकार द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया था। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि विपक्ष में थे तो भूपेश बघेल ने 10 लाख रूपए प्रत्येक परिवार को देने की मांग की थी और अब सरकार में आ गए हैं तो उन्हें यह राशि देनी चाहिए। खेल मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि पिछले स्वास्थ्य मंत्री ने तो बीमारी से मौत की बात स्वीकारी भी नहीं थी। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने कहा कि सीएम से इस पर विचार करने के लिए कहेंगे। 
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