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सरकार 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ' के संकल्प के साथ जनभागीदारी युक्त समृद्ध गांव के सपने को पूरा करेगी - राज्यपाल

      [TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि सरकार 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ' के संकल्प के साथ जनभागीदारी युक्त समृद्ध गांव के सपने को पूरा करेगी। पंचम विधानसभा के प्रथम सत्र के दूसरे दिन आज राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ की पारम्परिक पहचान इसके समृद्ध, आत्मनिर्भर और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण, गौरवपूर्ण गांव और गांव आधारित संस्कृति, कला एवं शिल्प रहे हैं। छत्तीसगढ़ की प्रगति में केवल आधुनिक तकनीक ही नहीं, बल्कि परम्परागत कला, लोक ज्ञान और कौशल की भी महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। सरकार ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के संकल्प के साथ जनभागीदारी युक्त समृद्ध गांव के सपने को पूरा करने के लिए कृत संकल्पित है।’’ पटेल ने कहा, ‘‘सरकार ‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी’ (नाला, गाय, कचरा फेंकने का स्थान, सब्जी उगाने का स्थान) से गांवों के समग्र विकास की अवधारणा पर काम करेगी। सरकार प्रत्येक नाले (नरवा) का क्रमबद्ध संरक्षण और संवर्धन करते हुए गांवों में, गांवों के लिए वर्ष भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में गाय, भैंस, बकरी इत्यादि पशुधन की प्रचुर उपलब्धता है। जिनके सुचारू प्रबंधन, संरक्षण और संवर्धन के लिए आधारभूत संरचना निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। सरकार द्वारा प्रत्येक गांव में पशुधन के रख-रखाव के लिए विशिष्ट गौठान बनाने की पहल की जाएगी, जिसमें पशुओं के बैठने और संवर्धन एवं नस्ल सुधार की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।’’ पटेल ने अपने अभिभाषण के दौरान सभी विधायकों को शुभकामनाएं दी और कहा, ‘‘जनादेश का सम्मान करते हुए सरकार ने जनघोषणा-पत्र 2018 को आत्मसात किया है। सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता से किए संकल्पों को पूर्ण करने के लिए पहले दिन से ही निर्णय लेने की शुरूआत कर दी है।’’ गौरतलब हे कि नई सरकार का गठन होते ही मंत्रि-परिषद की पहली बैठक में 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6 हजार 100 करोड़ से अधिक अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया। बैठक में वर्ष 2018-19 में 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का निर्णय की किया गया। सरकार ने मंत्रि-परिषद् की पहली बैठक में ही झीरम घाटी घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच एसआईटी से कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने पत्रकारों, वकीलों और डॉक्टरों के संरक्षण के लिए विशेष कानून बनाने का वायदा किया है। इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की घोषणा कर दी गई है। इस कानून का प्रारूप बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी ।’’ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, ‘‘सरकार नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए पीड़ित पक्षों से चर्चा करेगी। आदिवासी अंचलों में बुनियादी सुविधाएं जुटाने, लम्बित समस्याओं के निराकरण तथा स्थानीय जनता की सुविधा अनुरूप विकास तथा सुरक्षा का मार्ग अपनाएगी। स्थानीय आदिवासी लोगों के विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी तथा निर्दोष लोगों को राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जायेंगे ।’’ (भाषा)   

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