Slider

देश और दुनिया के इतिहास में 4 दिसंबर -
1952: इंग्लैंड में स्मॉग की घनी परत के छा जाने के कारण हजारों लोगों की जान चली गई थी.
1977: मिस्र के विरुद्ध अरब मोर्चा गठित.
1996: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह के लिए एक और अंतरिक्ष यान 'मार्स पाथफाउंडर' प्रक्षेपित किया.
2006: फिलीपींस के एक गाँव में तूफान के बाद जमीन धंसने से लगभग एक हजार लोगों की मौत हो गई.
2008: प्रसिद्ध इतिहासकार रोमिला थापर को क्लूज सम्मान के लिये चुना गया.
4 दिसंबर 1952 के दिन इंग्लैंड के लंदन शहर में भारी स्मॉग या धुंध छाने लगी थी. ऐसा चार दिनों तक चलता रहा जिसके कारण कम से कम 4,000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. उच्च दबाव वाली वायु के घनत्व को टेम्स नदी की घाटी में जमता देखा गया. जैसे ही पश्चिम से आने वाली ठंडी हवा इससे टकराई, लंदन शहर के ऊपर इकट्ठी हुई हवा वहीं की वहीं फंस गई. तापमान गिर जाने के कारण समस्या और बढ़ गई जिससे लोग अपने घरों में गर्मी पाने के लिए ज्यादा कोयला जलाने लगे. इस तरह कोयले का धुआं, कालिख के साथ आस पास की कारों और उद्योगों से आने वाले सल्फर डायॉक्साइड ने मिल कर एक असाधारण मिश्रण बना दिया और पूरा शहर भारी धुंध में घिर गया. 5 दिसंबर की सुबह होते होते सैकड़ों वर्ग मील के क्षेत्र को एक धुंधलके के पर्दे ने अपनी चपेट में ले लिया.
यह पर्दा दिन पर दिन और भी गहरा होता गया और 7 दिसंबर आते आते सूरज की किरणें भी इसे भेद नहीं पा रही थीं. खतरे को देखते हुए आवाजाही रोकने का फैसला किया गया लेकिन तब तक कई रेल दुर्घटनाएं हो चुकी थीं. इसके अलावा इंसानों और जानवरों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी और वे कफ की उल्टियां कर रहे थे. इसके अलावा हजारों लोग सोते हुए ही मौत की नींद सो गए. 9 दिसंबर को जाकर यह खतरनाक धुंध छंटी. ब्रिटिश सरकार ने इस दुर्घटना के मद्देनजर वायु प्रदूषण से संबंधित कानून कड़े किए और लोगों से घर गर्म करने के लिए कोयले का इस्तेमाल न करने की अपील की.
© all rights reserved TODAY छत्तीसगढ़ 2018
todaychhattisgarhtcg@gmail.com