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आदिवासियों के 'दिल्ली वाले साब' डॉक्टर खैरा अपोलो में भर्ती

                  [TODAY छत्तीसगढ़] / अविभाजित बिलासपुर जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व के ग्राम लमनी में रहने वाले डॉक्टर प्रभुदत्त खेरा बीमार हैं, आज सुबह अचानक उनका स्वास्थ बिगड़ा। डॉक्टर खेरा को लमनी में प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस से बिलासपुर लाया गया,  डॉक्टर खेरा को अपोलो में भर्ती कराया गया है जहां चिकित्सक उनके स्वास्थ पर नज़र बनाये हुए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी संदीप चोपड़े ने डॉक्टर खेरा को अपोलो में भर्ती कराया है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े चोपड़े ये मानते हैं की इस तरह शख्सियत रोज-रोज जन्म नहीं लेती।  उन्होंने डॉक्टर खेरा के स्वास्थ्य से जुडी जानकारी शासन-प्रशासन को दे दी है।  
             
पिछले ढाई दशक से अचानकमार के जंगल में रहकर आदिवासियों को अशिक्षा के अन्धकार से बाहर धकेलता वो संत आज बीमार है, करीब 93 साल के खेरा गुरूजी का स्वास्थ्य आज सुबह अचानक बिगड़ गया। जानकारी के मुताबिक डॉक्टर खेरा शुक्रवार की सुबह लमनी स्थित अपने घर में बेहोश हालत में मिले। ग्रामीणों और वन अमले की मदद से उन्हें तत्काल लोरमी ले जाया गया जहां दिन भर चिकित्सकों ने हर सम्भव उन्हें उचित इलाज देकर सामान्य करने की कोशिश की। शाम को लोरमी के चिकित्सकों ने डॉक्टर खेरा को बिलासपुर के लिए रेफर कर दिया। डॉक्टर खेरा को रात करीब 9 बजे अपोलो लाया गया जहां उनका उपचार किया जा रहा है। आपको बता दें की डॉक्टर खेरा को इसी वर्ष गांधी जयंती के मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार ने  कार्यान्जलि पुरस्कार से सम्मानित किया है।  आपको बता दें की डॉक्टर प्रभुदत्त खेरा आदिवासियों के शैक्षणिक और सामाजिक उन्नति के साथ उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिये पिछले दो दशक से अपनी पूरी उर्जा झोंक चुके है। उन्होंने अपने प्रयास से वनग्राम छपरवा में साल 2008 में अभ्यारण्य शिक्षण समिति की नीव रखी जहां आस-पास के करीब 8 गाँवों के आदिवासी बच्चे शिक्षा की जलती अलख में उजाले की तलाश में जुटे हैं।


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