[TODAY छत्तीसगढ़] / हुदहुद सिर्फ एक पक्षी नहीं, साल 2014 में हुदहुद दहशत और तबाही का दुसरा नाम बन चुका था । हिंदुस्तान में उस साल हर कोई हुदहुद के नाम से कांप रहा था। हुदहुद नाम के समुद्री तूफ़ान ने उन दिनों भारत के पूर्वी तटवर्तीय इलाक़ों, ख़ास तौर से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के कुछ इलाकों में क़हर बरपाया था। दरअसल हुदहुद अरबी भाषा में हूपु नाम की चिड़िया को कहा जाता है। हुदहुद नाम ओमान में रखा गया है। हुदहुद (हुपु) इजरायल का राष्ट्रीय पक्षी भी है। दिखने में रंग-बिरंगा यह परिंदा भारत में कठफोड़वा नाम से जाना जाता है। अफ्रीका व यूरेशिया में भी यह पक्षी पाया जाता है। इस मौसम में इनकी आमदरफ्त बढ़ जाती है। इन दिनों बिलासपुर जिले समेत राज्य के कई इलाकों में इन्हे देखा जा सकता है।
'हुदहुद' चक्रवाती तूफान -
हुदहुद एक उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान है। यह उत्तरी हिंद महासागर में बना 2014 का अब तक का सबसे ताकतवर तूफान है। इसका नाम हुदहुद नामक एक पक्षी के नाम से लिया गया है। इसके नाम का सुझाव ओमान ने दिया।
यह 6 अक्टूबर 2014 को अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह से होते हुए 12 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में टकराया। 12 अक्टूबर से पहले इसकी गति बढ़ते-बढ़ते 215 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच गई थी। हुदहुद तूफान के कारण 38 रेल यात्राओं को रद्द कर दिया गया।
7 अक्टूबर को यह उत्तरी हिंद महासागर में बना व पहली बार दिखाई दिया।
8 अक्टूबर को यह अण्डमान और निकोबार से होते हुए बंगाल की खाड़ी में गया। इसके बाद यह 8 से 11 अक्टूबर तक यहीं विकराल रूप व अपनी गति अधिक करता रहा।
11 अक्टूबर को इसके कारण ओडिशा व आंध्र प्रदेश में तेज हवा के साथ वर्षा होने लगी।
12 अक्टूबर को यह आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 215 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से टकराया। इसी रात 11 से 12 के मध्य यह छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से होते हुए 50 किलोमीटर की गति से पहुँचा व अगले दिन के सुबह यह चला गया। इसके बाद कई स्थानो में वर्षा हुई।
13 अक्टूबर यह छत्तीसगढ़ में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बस्तर से रायपुर संभाग की ओर गया।
14 अक्टूबर को इसके कारण दिल्ली व उत्तर प्रदेश में इसका प्रभाव दिखने लगा।