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∎ मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. चुनावी नतीजों से गद्गद कमलनाथ ने आज बुधवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है.
यह बैठक भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में बुधवार शाम 4 बजे होगी. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, दीपक बाबरिया और विवेक तन्खा समेत कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों को किसी भी तरह के संभावित खरीद-फरोख्त से बचने के बारे में बताया जाएगा और विधायकों की उपस्थिति में कांग्रेस अगली रणनीति तय करेगी. इसके अलावा कांग्रेस के लिए असली सिरदर्द मुख्यमंत्री का चेहरा तय करना है, इसलिए माना जा रहा है कि इस बैठक में सीएम के चेहरे पर भी मुहर लग सकती है. हालांकि जिस तरह से कमलनाथ समर्थकों और सिंधिया समर्थकों के बीच सीएम पद को लेकर शक्ति प्रदर्शन हुआ उससे माना जा रहा है कि कांग्रेस में सीएम पद को लेकर खींचतान हो सकती है. दरअसल, सीएम पद की रेस में दोनों नेताओं के बीच कड़ा मुकाबला है. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा लेकिन कमलनाथ का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. 
∎ सियासत में किस्मत पलटने के लिए एक दिन काफी होता है। सोमवार तक राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर हुकूमत कर रही भारतीय जनता पार्टी को मंगलवार को जबरदस्त झटका लगा। राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस ने न केवल भगवा दल के तीन महत्वपूर्ण गढ़ ढहा दिए, बल्कि थोड़े उतार-चढ़ाव के साथ 2013 से जारी उसके अश्वमेध पर भी रोक लगा दी। उधर, तेलंगाना और मिजोरम में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को मायूसी हाथ लगी है।  
भाजपा तमाम कोशिशों के बावजूद राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा को नहीं तोड़ पाई। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की अगुवाई में कांग्रेस ने वसुंधरा राजे सरकार को मात दे दी। देर शाम, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने दो-तिहाई बहुमत से जीत हासिल कर 15 साल से सत्तारूढ़ भाजपा को बाहर कर दिया है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का भी करिश्मा काम नहीं कर पाया। देर शाम मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्यपाल को इस्तीफा भी सौंप दिया है। 
तेलंगाना में समय से पहले चुनाव करवाने की चंद्रशेखर राव की रणनीति काम आई और उनकी पार्टी टीआरएस दो-तिहाई बहुमत से ज्यादा सीटें जीती। वहीं, मिजोरम में दस साल बाद कांग्रेस ने मिजो नेशनल फ्रंट के हाथों सत्ता गंवा दी है। कांग्रेस को यहां केवल पांच सीटें मिलीं है।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सुपड़ा साफ कर दिया तो तेलंगाना में टीआरएस पर जनता ने दोबारा भरोसा जताया है. राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है, लेकिन मध्य प्रदेश में जीत हासिल करने में उसे काफी मशक्कत करनी पड़ी है. बहरहाल, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात का समय मांगा है.
∎ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाने के जादुई आंकड़े से पीछे है. बहुमत के लिए 116 सीट जरूरी है जबिक उसे 114 सीटें मिली हैं. राज्य में वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के सामने दावा पेश कर दिया है.वहीं बीजेपी को 109 सीटें मिली हैं. 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा को मिली हैं.
सरकार बनाने की इस कोशिश के बीच कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष यह शिकायत दर्ज कराई कि दामोह के कलेक्टर सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहे हैं, जबकि उसका प्रत्याशी जीत चुका है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के दबाव में दामोह के कलेक्टर सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहे हैं. वहीं बीजेपी में भी आगे की रणनीति को लेकर भोपाल में शिवराज सिंह चौहान के आवास पर देर रात बैठक हुई जिसमें कैलाश विजय वर्गीय समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए. बीजेपी का आरोप था कि नतीजों में देरी के पीछ कांग्रेस का हाथ है. बहरहाल, मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के जादुई आंकड़े को कोई पार्टी हासिल नहीं कर सकी है, चूंकि कांग्रेस बहुमत के लिए जरूरी 116 सीटों के बिल्कुल करीब है तो सरकार बनाने के लिए अब निर्दलीयों, बसपा और सपा की भूमिका अहम हो गई. चुनाव आयोग के अनुसार बुधवार सुबह 6.53 बजे तक एमपी में कांग्रेस 114 सीटों पर जीत चुकी है, जबकि बीजेपी 109 सीटों पर अटकी हुई है. 
प्रदेश की इन दोनों प्रमुख पार्टियों के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) को एक सीट बिजावर मिल गई है. वहीं, 4 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 2 सीटों पथरिया और भिंड में जीत हासिल कर चुकी है. मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में अब निर्दलीयों, बसपा और सपा की भूमिका अहम हो गई है. इस चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब आठ फीसदी बढ़ा. उसे करीब 41 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी को भी 41 फीसदी से थोड़ा अधिक वोट मिला. इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस इस बार एकजुट होकर चुनाव लड़ी, जबकि इससे पहले के चुनाव में कांग्रेस में गुटबाजी नजर आती थी, जिसके कारण उसे सत्ता से 15 साल तक बाहर रहना पड़ा था.
राजस्थान में सरकार बनाने की तैयारी
कांग्रेस ने राजस्थान में सत्तारूढ़ बीजेपी को शिकस्त दी है. यहां वह 99 सीटों पर जीत के साथ बहुमत के जादुई आंकड़े के लगभग पास पहुंच गई है और सरकार बनाने की तैयारी में है. वहीं पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना इस्तीफा मंगलवार रात राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंप दिया. कांग्रेस विधायक दल की बुधवार को यहां बैठक होगी जिसमें विधायक दल नेता सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी. पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगा, लेकिन इस बारे में आज फैसला होने की पूरी संभावना है. राज्य की 200 में से 199 सीटों पर मतदान हुआ था. देर रात तक घोषित परिणामों के अनुसार कांग्रेस ने 99 सीटें जीती है. बीजेपी को 73 सीटों पर जीत मिली है. बसपा छह, माकपा दो सीटों पर जीती है. 12 सीटों पर निर्दलीय व छह पर अन्य विजयी रहे हैं. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं.
∎ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर प्रेस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सत्र बहुत महत्वपूर्ण है. जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की जरूरत है. मुझे भरोसा है कि संसद के सभी सदस्य जनभावनाओं का सम्मान करेंगे. हमारा प्रयास है कि सभी मुद्दों पर संसद के भीतर चर्चा हो. 
∎ फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंहगाई के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शनों के जबाव में कई कल्याणकारी क़दम उठाने की घोषणा की है. टीवी पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति मैक्रों ने न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी और टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है. ईंधन पर टैक्स, बढ़ती महंगाई और कई अन्य मुद्दों को लेकर फ़्रांस में चार सप्ताह से हिंसक प्रदर्शन चल रहे थे. राष्ट्रपति मैक्रों ने हिंसा की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों का ग़ुस्सा ग़हरा है और कई तरह से जायज़ भी है. राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि 2019 से न्यूनतम वेतन में 100 यूरो प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी की जाएगी.
∎ ग्राहकों के डाटा में सेंध के आरोपों से घिरी कंपनी गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई मंगलवार को अमेरिकी संसद के समक्ष पेश हुए। अमेरिकी संसद ने पिचाई से उनके सर्च नतीजों में राजनीतिक झुकाव, एंड्रॉयड द्वारा एकत्रित डाटा के इस्तेमाल आदि पर सवाल किया। गूगल सीईओ ने जवाब में कहा कि गूगल की सर्च के नतीजे किसी भी तरह से राजनीतिक दृष्टिकोण नहीं रखते हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को जरूर कुबूल किया कि सर्च के दौरान कई ऐसे पहलू होते हैं जिन्हें आधार बनाया जाता है। इसमें लोग क्या देखना चाहते हैं यह अहम पहलू होता है। सर्च का समय, उस वक्त का माहौल और क्षेत्र आदि पर सर्च नतीजे जरूर निर्भर करते हैं। पिचाई ने इसमें किसी तरह के झुकाव को नकारते हुए कहा कि गूगल में नतीजे एक एल्गोरिदम से दिए जाते हैं न कि गूगल के कर्मियों के द्वारा। 
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