[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में महाधिवक्ता बनने की दौड़ में वरिष्ठ अधिवक्ता कनक तिवारी का नाम सबसे ऊपर रहा । मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उनका छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का महाधिवक्ता बनना करीब-करीब तय माना जा रहा था। बिलासपुर हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कनक तिवारी राज्य के नए महाधिवक्ता बनाए गए हैं. इसका आदेश आज राज्य शासन ने जारी कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा ने इस्तीफा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजा था. इसके साथ ही उन्होंने इसकी कापी कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, राज्य के मुख्य सचिव अजय सिंह और कानून और विधायी मामलों के प्रमुख सचिव रविशंकर शर्मा को भेज दिया था। गिल्डा महाराष्ट्र नागपुर के रहने वाले हैं जो 2014 में राज्य के महाअधिवक्ता बनाए गए थे। बिलासपुर हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कनक तिवारी राज्य के नए महाधिवक्ता बनाए गए हैं. इसका आदेश आज राज्य शासन ने जारी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को मुख्यमंत्री ने उनसे भेंट कर लंबी चर्चा की थी । सूत्रों की माने तो महाधिवक्ता नियुक्त करने राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा से सलाह भी ली गई है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 17 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश चल रहा है। दो जनवरी से पुनः नियमित कामकाज शुरू होगा। जनवरी में राज्य शासन के खिलाफ कई महत्वपूर्ण मामलों में बहस होनी है। ऐसे में हाईकोर्ट खुलने से पहले ही महाधिवक्ता कार्यालय में नई नियुक्ति किया जाना जरूरी था।
26 जुलाई 1940 को जन्मे कनक तिवारी ने अंग्रेजी साहित्य के प्राध्यापक के रूप में अपने कैरियर की शुरूआत की. इसके बाद 1971 में रविशंकर विश्वविद्यालय से एलएलबी की परीक्षा में स्वर्ण पदक लेकर वकालत का व्यवसाय चुना. कनक तिवारी ने कई किताबें लिखी हैं. जिसमें संविधान का सच, संविधान का पड़ताल, गांधी और पंचायती राज तथा गांधी का देश, फिर से हिंद स्वराज, बस्तर : लाल क्रांति बनाम ग्रीन हंट, हिंद स्वराज का सच प्रमुख है.