TODAY छत्तीसगढ़ / भोपालपटनम / छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर मुलुगु जिले की एतुर्नगरम पुलिस ने बाघ की खाल बेचते तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के 2 तस्करों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इसकी जानकारी एतुर्नगरम के प्रभारी डीएफओ की दी। वन अधिकारी के द्वारा इस बाघ की खाल की पहचान कर आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। वन विभाग बाकी दोषियों की पतासाजी कर रही है। पुलिस के अनुसार तेलंगाना के मुलुगु जिले के एतुर्नगरम के सीआई (सर्किल इंस्पेक्टर)के नेतृत्व में पूर्व सूचना के आधार पर मुल्ला कट्टा पुल के पास बाघ की खाल को बेचने के फिराक में घूम रहे 2 तस्करों को दबोचने में कामयाब हो गए।
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पुलिस के द्वारा आरोपियों से पूछताछ करने पर बताया कि तिरमालेश निवासी वाजेड जिला मुलुगु व दूसरा व्यक्ति सत्यम निवासी चेन्दूर तहसील भोपालपटनम जिला बीजापुर छत्तीसगढ़ निवासी बताया गया। आरोपियों के पास से मौके से 1 बाघ की खाल, 2 मोटरसाइकिल, 1 मोबाइल जब्त किया गया। वाज़ेड निवासी तिरमालेश पिछले चार साल से छत्तीसगढ़ के चेन्दूर निवासी सागर के पास आते जाते रहता था। एक माह पहले सागर ने कहा कि उनके पास तेलंगाना के कुछ लोग बाघ की खाल को खरीदने तैयार है, इसे बेचने के लिए सहयोग करने के लिए कहा है। तिरमालेश ने एक व्यक्ति से सम्पर्क कर सागर को बताया कि बाघ की खाल की कीमत 30 लाख रूपये में सौदा हो गया और बाघ की खाल को तिरमालेश को दिया गया।
तिरमालेश ने उक्त खाल को सत्यम के घर में छिपा रखा था। इसकी जानकारी एतुर्नगरम सर्किल इंस्पेक्टर को मिली तो सूचना के आधार पर मुल्ला कट्टा पुल के पास बाघ की खाल को बेचते समय पुलिस ने तिरमालेश व सत्यम को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उक्त घटना की जानकारी एटूरनागारम के प्रभारी डीएफओ गोपाल राव की दी। वन विभाग के अधिकारी के द्वारा इस बाघ की खाल की पहचान कर आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया। वन विभाग के द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है, बाकी दोषियों की पतासाजी की जा रही है।