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सिद्ध बाबा में जमा है, पुराने सिक्कों का अनमोल खजाना

 


अगर कभी पुराने सिक्कों की जरूरत बड़ी मात्रा में किसी अध्ययन के लिए पड़ी तो यहां सिध्दबाबा की शरण में आना होगा। यह है केंवची-अमरकंटक मार्ग पर कबीर चबूतरा के पहले सिध्दबाबा। यहां मंदिर से लगा मंदिरनुमा चट्टानों का समूह जो समय के साथ झुकता हुआ ढहने को है। यहां चट्टान में एक सुराख था इस सड़क से गुजरने वाला हर राहगीर यहां नतमस्तक हो चट्टान की सुराख में सिक्का डालता। थोड़ी देर में सिक्का नीचे गिरने पर खनकने की आवाज उस सुराख से आती। पांच छह दशक से यह सब मेरा आंखों देखा रहा। यह वह सड़क है जहां बरसात में पहाड़ पर भूस्खलन हो कर दूर दूर तक मिट्टी और चट्टान गिर राह बन्द होती रही पर सिद्ध बाबा की ये परत दर परत धरी लगने वाली चट्टानें नहीं भसकीं।

पिछले कुछ वर्षो से सिद्धबाबा में भर जाने की वजह सिक्के डालने का सिलसिला बन्द है। मगर जाने कितने दशक या सदी से सिक्के यहां एकत्र हो गये होंगे क्योंकि राह पुरानी है जो बनती और बिगड़ती रही है। 

जानकारी साभार / प्राण चढ्ढा के फेसबुक वाल से - 



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