TODAY छत्तीसगढ़ / यह तस्वीर बिलासपुर जिले के बिल्हा विकासखंड के ग्राम बिजौर की है, गाँव के बाहर स्थित सरकारी स्कूल की ओर मुड़ने वाले रास्ते के ठीक सामने मुख्य सड़क पर लिखा गया यह सन्देश 'तम्बाखू निषेध क्षेत्र' दिन विशेष के लिए भले सार्थक हो सकता है। मगर जाने-अनजाने लिखी गई ये इबारत स्कूली बच्चों के साथ-साथ प्रत्येक राहगीर लिए ज़िन्दगी बचा लेने का बड़ा सन्देश देती है।
तंबाकू अप्रत्यक्ष रूप से गैर संचारी रोगों के कारणों में से एक है। तंबाकू का सेवन करने वालों या धूम्रपान करने वालों को कोरोना संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग में तैनात प्रोफेसर डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया कि तंबाकू का सेवन कोरोना संक्रमण के संचरण में तेजी लाकर गंभीर स्थिति पैदा कर देता है।
डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया कि वायरस मुख्य रूप से लार की बूंदों से या संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर नाक से स्राव से फैलता है। चबाने वाले तंबाकू उत्पाद (खैनी, गुटखा, पान, जर्दा) थूकने की इच्छा को बढ़ाते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना विशेष रूप से संक्रामक फैलने वाले स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ाते हैं। संक्रामक रोग में कोरोना संक्रमण, तपेदिक आदि है।
" फेफड़ों के कैंसर के 90 फीसदी मामलों में वजह धूम्रपान है। तंबाकू गैर संचारी रोगों के कारणों में से एक है। अगर आप में भी यह बुरी आदत है तो आज ही तंबाकू और धूम्रपान छोड़ दें। "
कैंसर के लिए धूम्रपान-तंबाकू जिम्मेदार
डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया कि फेफड़ों के कैंसर के मामलों में से 90 फीसदी के लिए धूम्रपान-तंबाकू जिम्मेदार है। धूम्रपान न करने वालों की तुलना में भारी धूम्रपान करने वालों को मुंह और स्वरयंत्र के कैंसर का 5-25 गुना होने का खतरा होता है। इसी तरह उन्हें फेफड़ों के कैंसर होने का 9 गुना खतरा होता है।
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर प्रदेश की जनता के नाम संदेश में कहा है कि 31 मई को प्रतिवर्ष विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के सेवन से व्यक्ति के जीवन में शारीरिक एवं मानसिक दुषप्रभाव होते हैं, जिसके लिए आमजन को जागरूक करने तथा तम्बाकू के सेवन से रोकथाम संबंधित नीतियों का कड़ाई से पालन किया जाये। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कुल 50.20 प्रतिशत पुरूष एवं 17.30 प्रतिशत महिलायें तम्बाकू का सेवन करती है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने संदेश में कहा कि 24.70 प्रतिशत वयस्क सार्वजनिक स्थलों पर अप्रत्यक्षित धूम्रपान के संपर्क में आते हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल यूथ टोबैको द्वारा किये गये सर्वे के अनुसार 80 प्रतिशत पहली सिगरेट 8 से 13 वर्ष की आयु में पीते हैं एवं प्रतिवर्ष 55 हजार बच्चे नियमित रूप से तम्बाकू सेवन करने वालों की सूची में जुड़ रहे हैं, जो कि चिन्ता का विषय है। मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू. एच. ओ.) द्वारा बताया गया कि धूम्रपान और तम्बाकू के बने अन्य उत्पादों का सेवन करने वालों को कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोग के गंभीर प्रकरणों में दिल की बीमारी, कैंसर, सांस की बीमारी एवं मधुमेह के शिकार लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या में धूम्रपान करने वालों की भी होती है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि धूम्रपान करने वाले लोगों के शरीर में मुंह से फेफड़ों तक को सुरक्षा देने वाली प्राकृतिक आंतरिक प्रणाली क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे उनके फेफड़ों की हवा को साफ करने की क्षमता भी समय के साथ कम हो जाती है। ऐसे लोग सामान्य परिस्थितियों में भी लम्बी साँस नहीं ले पाते हैं। ऐसे में जब ये लोग कोरोना के संपर्क में आते हैं, तो इन पर बीमारी का अधिक असर होता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि गर्भावस्था के समय धूम्रपान अथवा धूम्ररहित तम्बाकू का सेवन से होने वाले शिशु को दुषप्रभाव की संभावना अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि जिसमें अस्थमा, श्वसन तंत्र का संक्रमण एवं क्षयरोग इत्यादि होने की संभावना प्रबल होती है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहाकि आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर हम सभी संकल्प करें कि जीवन में हम कभी भी किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेगें।