TODAY छत्तीसगढ़ / शरद अग्रवाल,पेंड्रा / रेलवे के द्वारा बिलासपुर कटनी रेल मार्ग पर रोजाना हजारों रेल यात्रियों की जान जोखिम में डाली जा रही है। इस रूट पर रेल पटरियों को सीमेंट की पातों से जोड़ने के लिये लगाये जाने वाले पेंडलक्लिप्स गायब हैं जिसके चलते बड़े हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता । वहीं आठ महीने में पांच बार पटरियां टूटने का मामला भी सामने आने के बाद रेलवे का लापरवाह रवैया थमने का नाम नहीं ले रहा है।
दरअसल बिलासपुर कटनी रेल मार्ग पर तीसरी लाईन बिछाने के काम में ठेका कंपनी इरकाॅन के द्वारा पटरी की गुणवत्ता खराब होने की पुष्टि आरडीएसओ लैब लखनउ से भी हो चुकी है। वहीं अब इस नयी रेललाईन के साथ ही साथ पुराने रेललाईन की पटरियों को सीमेंट की पांतों से जोड़कर रखने वाली पेंडलक्लिप्स सैकड़ों की तादाद में गायब है और आसपास बिखरी हुयी पड़ी हैं। ताज्जुब की बात तो यह कि रोजाना रेलवे का मैदानी अमला नियमित तौर पर पटरियों का निरीक्षण भी करता है और हर छोटी बड़ी गड़बड़ियों को सुधारने के बाद रेलवे के परिचालन योग्य होने की रिपोर्ट सौंपी जाती है, मगर इस रेल मार्ग की तस्वीरों में आप देख सकते है कि पटरियों से किस तरीके से जगह जगह पेंडलक्लिप्स गायब हैं और इन्ही के उपर से ट्रेनों को चलाया जा रहा है। इस रूट पर मार्च से अब तक आठ महीने में पांच बार पटरियां टूटने और रेल हादसे के मामले हो चुके हैं और रेलवे का लापरवाह रवैया थमने का नाम नहीं ले रहा है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
दरअसल बिलासपुर कटनी रेल मार्ग पर तीसरी लाईन बिछाने के काम में ठेका कंपनी इरकाॅन के द्वारा पटरी की गुणवत्ता खराब होने की पुष्टि आरडीएसओ लैब लखनउ से भी हो चुकी है। वहीं अब इस नयी रेललाईन के साथ ही साथ पुराने रेललाईन की पटरियों को सीमेंट की पांतों से जोड़कर रखने वाली पेंडलक्लिप्स सैकड़ों की तादाद में गायब है और आसपास बिखरी हुयी पड़ी हैं। ताज्जुब की बात तो यह कि रोजाना रेलवे का मैदानी अमला नियमित तौर पर पटरियों का निरीक्षण भी करता है और हर छोटी बड़ी गड़बड़ियों को सुधारने के बाद रेलवे के परिचालन योग्य होने की रिपोर्ट सौंपी जाती है, मगर इस रेल मार्ग की तस्वीरों में आप देख सकते है कि पटरियों से किस तरीके से जगह जगह पेंडलक्लिप्स गायब हैं और इन्ही के उपर से ट्रेनों को चलाया जा रहा है। इस रूट पर मार्च से अब तक आठ महीने में पांच बार पटरियां टूटने और रेल हादसे के मामले हो चुके हैं और रेलवे का लापरवाह रवैया थमने का नाम नहीं ले रहा है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -