[TODAY छत्तीसगढ़] / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गणतंत्र दिवस पर रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में प्रदेश के बहादुर बच्चों का सम्मान करेंगे। इसके पहले उन सभी बहादुर बच्चों ने गुरुवार को रायपुर प्रेस क्लब में अपनी बहादुरी की कहानी सुनाई और कहा वे आगे भी अपने दिलों-दिमाग से काम लेते हुए काम करेंगे। इतना ही नहीं, मुसीबत में पड़े लोगों की जान बचाने भी वहां कूद पड़ेंगे।
आपको बता दें की जिन चार साहसी बच्चों का चयन शौर्य पुरस्कार के लिए हुआ है उनमें महासमुंद जिले के खल्लारी से सोमनाथ वैष्णव और पूनम यादव, रायगढ़ की प्रशांत बारिक एवं सरगुजा की कांति पुरस्कृत किए जाएंगे. 26 जनवरी को चारों बच्चे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों वीरता पुरस्कार से सम्मानित होंगे.
सरगुजा जिले के ग्राम मोहनपुर निवारी कांति कक्षा चौथी की छात्रा हैं. उन्होंने अपनी तीन साल की बहन को जान जोखिम में डालकर हाथियों के झुंड से बाहर निकाला. उन्हें इस साहस पूर्ण कार्य के लिए शौर्य पुरस्कार दिया जा रहा है. महासमुंद जिले के 10 वर्षीय सोमनाथ व पूनम यादव ने गांव के तालाब में डूब रहे एक बच्चे को बाहर निकाला. साहसी सोमनाथ और पूनम ने अपनी जान की परवाह किए बिना मासूम की जान बचाई.
रायगढ़ जिले के ग्राम सरिया के रहने वाले प्रशांत बारिक अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए नदी गए थे. नदी में नहाते समय एक दोस्त लोकेश नदी की गहराई में चला गया और डूबने लगा. लोकेश को डूबता देख प्रशांत ने समय नहीं गंवाया और हाथ खींचकर उसे मौत के मुंह से बाहर निकाल लाया.