इतिहास में आज का दिन मानव अधिकार दिवस के रूप में घोषित किया गया है। इसके अलावा भी देश विदेश में कई घटनाक्रम हुए जो इतिहास के पन्नो में दर्ज है। एक नज़र आज के इतिहास पर -
1582 में फ्रांस ने ग्रेगोरियन कैलेंडर का इस्तेमाल करना शुरु किया।
1799 में मीट्रिक सिस्टम अपनाने वाला फ्रांस दुनिया का पहला देश बना।
1816 में डचो ने सुमात्रा पर दोबारा कब्जा किया।
1887 में आस्ट्रिया, हंगरी, इटली और ब्रिटेन के बीच बाल्कन सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।
1902 में तस्मानिया में महिलाओं को वोट देने का अधिकार प्रदान किया गया।
1903 में पियरे क्यूरी और मैरी क्यूरी को भौतिक विज्ञानके लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
1947 में सोवियत संघ और चेकोस्लोवाकिया के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर।
1950 में आज के दिन को मानव अधिकार दिवस घोषित किया। इसका मकसद दुनिया भर के लोगों का ध्यान मानवाधिकार की ओर खींचना, ताकि हर देश और समुदाय में सभी को एक नजर से देखा जाए।
1960 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रतिबंधित अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के नेता अल्बर्ट लूथली ने
दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद समाप्त करने की अपील की थी।
1961 में सोवियत संघ और अल्बानिया के बीच राजनयिक संबंध समाप्त।
1963 में अफ्रीकी देश जंजीबार ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता हासिल की।
1992 में गुजरात में देश की पहली होवरक्राफ्ट सेवा शुरू हुई।
1994 में यासिर अराफात, वित्जाक राबिन एवं शिमोन पेरेज संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित।
1998 में अमर्त्य सेन को स्टॉकहोम में अर्थशास्त्र के लिए 1998 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
2000 में नवाज़ शरीफ़ सहपरिवार पाकिस्तान से दस साल के लिए निर्वासित।
2001 में भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकारों में शुमार दादा मुनि ने दुनिया को अलविदा कहा था।
2002 में अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी वायुसेवा कंपनी यूनाइटेड एयरलाइंस दिवालिया घोषित।
2003 में कोलंबो में राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंधे के बीच हुयी वार्ता विफल।
2004 में हुए ढाका टेस्ट में कपिल देव को पीछे छोड़ते हुए अनिल कुम्बले टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले पहले भारतीय बने।
2005 में कज़ाकिस्तान में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति नूर सुल्तान नजर बायेब पुन: राष्ट्रपति निर्वाचित।
2006 में चिली के पूर्व तानाशाह जनरल आगस्तों पिनाशे का सैंटियागो में निधन।
2007 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री परवेज़ मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय में तीन और जजों को नियुक्त किया।