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कमलनाथ MP के मुख्यमंत्री, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर फैसला आज

[TODAY छत्तीसगढ़] / मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर बना सस्पेंस खत्म हो गया है और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अनुभव को तरजीह देते हुए कांग्रेस ने कमलनाथ के नाम को मुख्यमंत्री पद लिए हरी झंडी दे दी है. हालांकि, राजस्थान और छत्तीसगढ़  पर फैसला अभी भी बाकी है. राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर गुरुवार सुबह से शुरू हुआ सियासी ड्रामा देर रात तक चला. मगर तब भी किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों पर फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया है क्योंकि वह इस विषय पर पार्टी नेताओं से और चर्चा करना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार गांधी ने छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री पर फैसला करने के लिए गुरुवार को प्रदेश के पार्टी नेताओं से चर्चा की मगर दावेदारों से और चर्चा करने के लिए फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया. उम्मीद जताई जा रही है की आज दोपहर तक छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कौन होगा मुख्यमंत्री, इस नाम पर सहमति बन जाये। 
गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ कई बैठकें कीं, लेकिन उनके बीच कोई सहमति नहीं बन पायी. पायलट ने इस शीर्ष पद के लिए दावा किया. राहुल गांधी के निवास के बाहर पायलट के समर्थकों ने उनके समर्थन में नारे भी लगाए.  राहुल गांधी ने देर शाम पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की. गुरुवार को देर रात तक दिल्ली का सियासी पारा हाई रहा और राहुल गांधी के घर अशोक गहलोत और सचिन पायलट का आना जाना लगा रहा.


पूरे पांच साल काम करते हैं-
नाथ राज्य के जातिगत समीकरणों में फिट नहीं बैठते, कुछ लोग इसे उनकी कमी भी मान सकते हैं. लेकिन छिंदवाड़ा क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ है. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर 1980 से अब तक वही जीतते आए हैं. यहां उनकी अच्छी पकड़ की एक बड़ी वजह यह भी है कि कमलनाथ भोपाल में कम और छिंदवाड़ा में अधिक नजर आते हैं. वह सिर्फ चुनाव के दौरान नहीं, पूरे पांच साल काम करते हैं.
देश के सबसे रईस नेताओं में होती है गिनती-
कमलनाथ की गिनती देश के सबसे रईस नेताओं में की जाती है. 2014 में आमचुनाव के दौरान कमलनाथ ने जो हलफनामा चुनाव आयोग को दिया था उसके मुताबिक उनके पास लगभग 207 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है. कमलनाथ और उनके परिवार के स्वामित्व में 23 कंपनियां भी हैं. कमलनाथ देश के पांच सबसे अमीर सांसदों में शामिल हैं. छिंदवाड़ा में कमलनाथ की अलीशान कोठी करीब 10 एकड़ में फैली हुई है. हालांकि उनका सारा कारोबार दोनों बेटे बकुलनाथ और नकुलनाथ संभालते हैं. चुनावी हलफनामे में कमलनाथ ने जिक्र किया था कि कमलनाथ ने अपनी बीवी को 4.6 करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा है. कमलनाथ की पत्नी अलका के नाम 10.4 करोड़ की प्रॉपर्टी है.
गांधी परिवार के वफादार-
कमलनाथ को 1970 में संजय गांधी ने कांग्रेस में शामिल कराया था. तब से ही उन्हें गांधी परिवार का वफादार माना जाता है. इमरजेंसी में उनकी भूमिका के बाद "इंदिरा के दो हाथ, संजय गांधी और कमलनाथ" का नारा काफी चर्चित हुआ था. वह उन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए मनाया था.
9 बार रह चुके हैं सांसद-
वह 1979 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए. इसके बाद 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में वे लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए.
आज तक सिर्फ एक बार हारे चुनाव-
साल 1996 में जैन हवाला केस में कमलनाथ का नाम आने की वजह से उन्हें टिकट नहीं दी गई थी. तब उन्होंने पार्टी पर अपनी पत्नी अल्का नाथ को टिकट देने का दबाव बनाया, उस वक्त उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी तक दे दी थी. अल्का जीत गईं. इसके अगले ही साल कमलनाथ बीजेपी नेता और पूर्व सीएम सुरेंद्र लाल पटवा से चुनाव हार गए थे. यह किसी चुनाव में उनकी पहली और एकमात्र हार है. 


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