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 "कोटे का झुकाव" सिर्फ़ और सिर्फ़ ग़रीबी से जुड़ा हो

मैं सुनैना पाठक...

सवर्ण...मुझें कोटा नहीं चाहिए...
और यहीं माँग है...
"कोटे का झुकाव" सिर्फ़ और सिर्फ़ ग़रीबी से जुड़ा हो जात से नही होना चाहिए...
पलटे पिछले पन्नों को...
आज़ादी के बाद से वर्तमान के हथकंडों को...
ये नौबत आगयी की हमें कोल्हु के बैल से हथकड़ी भी आपको act में सुझा गयी...
देश का बटवारा हिन्दू-मुस्लिम कम था...
जो बराबरी का टोकरा आज भी सवर्णों के मत्थे है फूटा...
अजी इतना इंसान उन्हें समझते तो हमें भी निर्जीव भी ना समझें...
यहीं हाल हुआ तो अब आनेवाले 10 सालों में...
न्यूज़पेपर की heading होंगी...
सवर्ण की कन्या ने Quota घरानों में शादी का धावा बोला हैं...
चुन-चुन कर शादी के बाद कोटे ल मज़ा लूटा है और...अलग अलग रूप सामने आयेगा...
Divorce petition में Heading का रुख़ यहीं रूप में होगा...
पढ़ीलिखी लड़की थी लेकिन रोज़ सवर्ण के ताने खाती थी आख़िर में quota दार पति के शक की ज़ख्मी हुयी क्योंकि स्कूल सवर्ण मित्र से उसकी मित्रता बढ़ी...
ख़ैर इतने खुले समाज मे जहाँ एक तरफ 377 का जशन है और दूसरे तऱफ सवर्ण पर तुरंत हिरासत का  दंभ है...
तो 3rd Gender को भी इंसान समझ ले...
उन्हें भी बराबरी का पदक दे...
शनिवार की शनि की महादशा सवर्णों को मुबारक़
नैना बनारसी बँगाल से                    
                                                               -------------------------------                     
              ... और कल मेरा फोन खूब घनघनाया 

कल कई फ़ोन आये...     


और...
Kolkata से बाक़ी राज्यों में हालचाल के लिए फ़ोन गए...
रिजर्वेशन के बदलावों आये नासूर ने General वालों को पहली बार Protest में शामिल होने पर मज़बूर किये...
चील्लर छिछर वालों ने अपनी रोटियां भी पकायी होंगी...
पर मुद्दा General VS Reserved वालों का है...
जनरल/सवर्णों में सिर्फ़ ब्राहमण आते हैं ये किसने बोला है???
वैसे ज़रा असल मे सोचें कि आप ट्रेन के सफ़र में हो और आपके टिकट को कैंसिल कर अगले स्टेशन पर उतारा जाए और उसी स्टेशन से quota वालों का फूलमाला से स्वागत किया जाए???...
नहीं लगा बुरा तो चलो रुख़ घूमते हैं...
सोच का पायदान बदले समाज पर फिराते है...
जैसे जैसे reservation बढ़ा वैसे वैसे intercaste मैरिज का trend बढ़ा...
लेकिन लेकिन क़सूर का ठीकरा सिर्फ़ लड़की के माथे पर फूटा की "लड़की ने लड़के को अपने जाल में फ़साया"...
अजी ज़नाब लड़की प्यारी में अंधी नही...
General quota वाले लड़को की हैसियत भी देखती हैं...
अज़ी ज़नाब किसे नहीं पसंद है ऐशो आराम तलबी...
साथ रहते-रहते मोह तो मोहब्बत में तब्दील हो ही जाती है...
और हाँ वो General को खुद को वाक़ई में Quota की भीड़ में ख़ुद को सशक्त सबल बनाते हैं वो "विलायत-परदेस" का टिका लगाते हैं...
तो ज़रा पलट कर देखें...
INTERCASTE Marriage V/S Divorce Rates...
Suicidal Rates after competitive exams Results...
Depression Cases studies...
तो सौ की सीधी एक बात...
इतनी समस्याओं को हवा देने से बेहतर है...
एक "जड़" जो वर्तमान की "जड़मति" बन चुकी हैं उसका रुख़ बदले...
Reservation उनको मिले जिनको "रिज़र्वेशन" का नाजायज़ फ़ायदा उठाना ना आता हो...

शांति से अपनी बात कहें...

नैना बनारसी बँगाल से
                           
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        ... अरे सरकार बहादुर 'नैनाकी आवाज सुनों 


                                                         शांति से अपनी बात कहें...
                                                         ये मौलिक अधिकार है...
                             "ज़रूरतमंद को कोटा दे इनको जात बिरादरी के तमगा ना दे"
                                                         नैना बनारसी बँगाल से...


कांग्रेसी
लेफिस्ट
माओवादी
नक्सवादी
बाक़ी बचे Activist की Activa स्कूटी जिसमें तेल का स्यापा दिखाने की नक़ल AAP के कजरी करते हैं...
राजनीति की मलाई खाते सब मिल बाँट कर है पर्दे के पीछे...
लेक़िन "टेसु(आँसू)" पोछते अपनी बिरादरी के वो भी दिखावो में...
"रिजर्वेशन" कितने ज़रूरतमंद तक पहुँचे ये किसी भी पत्रकारों की किताब लॉंच में एक sentence नही मिलेगा...
लेक़िन माइक लेकर असलीयत का स्यापा बताने सब पहुँच जायेंगे...
कभी गौर से मध्यवर्गो के घरों में झाँक कर देखें...
कंपीटिशन की तैयारी और मेरिट लिस्ट बाद Paid Seat VS Reserved सीट को देखियेगा...
अपने उपनामों के डंके सभी जगह बजते हैं...
चुनाव छात्र संघों के हो या राष्ट्र के...
अपने जात बिरादरी धर्म के ढोल सब पिटते हैं...
Promotion Placement Appraisal Benefits सब का यही हाल है...
"Reservation के तराज़ू" की अधकपारी तलवार हैं...
ज़रूरतमंद तक SC/ST के बजाये असल ज़रूरतमंद तक Reservation पहुँचने की ज़रूरत अपार है...
आज शताब्दियों बाद "General" वालों की नींद जागी...
शायद बेड़ा पार हो...
रिज़र्वेशन को सही clause ammendments के साथ सटीक "साफ़ नीयत सँग सटीक विकास की ज़रूरत है"...
रिज़र्वेशन से तबका बराबर आयेगा ये अभी तक साबित नही हुआ...
तराज़ू आज भी ऊपर नीचे "disbalance समाज का रह गया"...
रिजर्वेशन अगर लागू हो तो ज़रूरतमंद पर लागू हो जाति धर्म वर्ग खण्ड में नहीं...
मैं आम लड़की हूँ अपनी शिक्षा अपने हुनर पर हुंकारती हूँ...
Reservation indirectly against general भी नही चाहिए...
कृपया ammendments हो...
Reservation सिर्फ और सिर्फ़ ज़रूरतमंद पर हो किसी जात या धर्म पर नहीं...
Vote तो BjP को ही मिलेगा...
लेक़िन "सबका साथ सबका विकास सही गति से जब चलेगा...
नैना बनारसी बँगाल से 

बंगाल से आये इस सन्देश को मैं सिर्फ आप तक पहुंचा रहा हूँ, ये शब्द, जज्बा और इसमें छिपी एक-एक भावनाएं नैना बनारसी की हैं। 
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