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शांति के सिपाही के कपड़े ही बचते हैं ..

 


कपड़े उस युवा प्रधानमंत्री के हैं, जिसने वोट देने की आयु 21 साल से घटाकर 18 साल कर दी । यह जूते उनके हैं,जिसने पंचायती राज व्यवस्था स्थापित की,यह मोज़े उनके हैं, जिन्होंने शांति के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी,हर शांति के सिपाही के कपड़े ही बचते हैं, शरीर तो शांति के रास्ते मे कुर्बान होने के लिए होता है ।

हमारे यहाँ मूर्खो की एक रेहड़ी तैयार की गई है, जो दिन रात अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों को गाली देने और कोसने में लगी रहती है । यह ट्रोल रेहड़ी कभी भी विरासत को सम्मान से देखना सीख नही पाई । जब दुनिया राजीव गाँधी को एशिया में शांति का अग्रदूत मानकर हमारी मिट्टी का सम्मान कर रही है, तब यह ट्रोल रेहड़ी अपने गौरवपूर्ण इतिहास पर कीचड़ उछालने का काम करते हैं, इनसे बड़ा मूर्ख इस धरती पर भला कौन हो सकता है ।

राजीव गाँधी से कट्टर हिन्दू और कट्टर मुसलमान दोनों चिढ़ते हैं, क्योंकि इन कट्टर लोगों की पीठ आपस मे जुड़ी होती है या यह कहें कट्टर लोगों की रीढ़ एक ही होती है, बस मुँह दो दिशाओं में होते हैं । यह राजीव को मंदिर का ताला खोलने पर कठघरे में खड़ा करते हैं तो कभी शाहबानो केस में उनके दामन पर छींटे उछालते हैं । यह अजीव विचारलोक में खोए हुए कहा करते हैं कि यह न हुआ होता,तो ऐसा होता ।

राजीव की शहादत का मोल वह तंग दिल लोग महसूस ही नही कर सकते जिनकी एक उंगली भी देश के लिए शहीद नही हुई है । वह क्या जानेंगे शांति स्थापना के लिए मौत स्वीकारना,जो खुद अशांति के गुर्गे हैं ।

मक्खी सिफ़त लोग राजीव की गलतियों पर बैठेंगे और इंसानी सिफ़त लोग राजीव की अच्छाइयों और बलिदान को स्वीकारेंगे । जगह जगह बिखरी ट्रोल रेहड़ी,जिसे यह ही नही पता कि उसके घर की ईंट किसने रखी,उसके घर मे लहलहाती फसल कैसे बढ़ी,जिस कम्प्यूटर पर वह गालियाँ बक बक कर खुश हो रहें,उसको लाने वाला कौन है,ऐसी ट्रोल रेहड़ी पर सिर्फ तरस खाया जा सकता है ।

जिसको ईश्वर ने बुद्धि दी है, जिसकी आँखे, दिमाग और ज़ुबान में ईश्वर ने सम्बन्ध दिए हैं, जो किसी वट्सएप मैसेज या सोशल मीडिया फॉरवर्ड से खुद को नही हाँकता, जो डिग्री लादे गधा नही बल्कि वास्तव में पढ़ा लिखा है, वह जानता है कि उसके देश मे किस किस पर गर्व करना चाहिए,जिसे दुनिया सम्मान दे,वह भी उसकी मौत के बाद,वह भी बिना किसी पीआर एजेंसी के इस्तेमाल किये,वह ही हमारे भारत का गर्व हैं, राजीव गाँधी हमारा गर्व हैं, उनकी शहादत को सलाम और नमन ।

राजीव गाँधी के केवल एक कार्यकाल की अनेक उपलब्धियों को क्या ही लिखें,जिन्होंने भी पढ़ा या इर्द गिर्द अपनी आँखों से देखा होगा,वह जानते ही होंगे ।राजीव की आलोचना होनी चाहिए मगर उस आलोचना में व्यक्तिगत खुन्नस या घृणा नही हो,उनके कार्यकाल के बुरे फैसलों पर बात तो उठनी ही चाहिए मगर जो बेहतर किया है, उसे भुला देना धूर्तता होगी । TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें  

बस राजीव की वही एक गलती थी,जो राहुल में भी है और प्रियंका में भी है, भरोसा । जिसको भी साथ लिया,उसपर टूटकर भरोसा किया और उसने पलक झपकते ही पीठ में खंजर उतार दिया । इनके घर की चौखट पर बेधड़क घुस जाने वाले लोगों ने ही इनके पाँव के नीचे की ज़मीन दरकाई है, यह बात यह सब जानते हैं मगर इन्हें अच्छाई पर भी भरोसा है कि यह लालची लोग उनके किरदार को गिरा नही पाएँगे । राजीव से राहुल तक हर एक का दिल बेहद इंसानी है, इसकी क़ीमत इन्हें हर दौर में चुकानी होगी । धोखेबाज़ आते जाते रहेंगे,यह एक बड़ी नदी की तरह बहते रहेंगे । राजीव के इर्द गिर्द के लोग जनाधार की जगह चापलूसी और चालाकी में थे,राहुल प्रिंयका को इनसे आज बचना होगा । जो राजीव के मन को बदलवाते थे,वही धूर्त थे,,राहुल प्रियंका को नज़र तेज़ करनी होगी ।

राजीव अपना काम करके चले गए । अपने मकसद को मर मिटे । अब नही हैं हमारे बीच,अब हमारी बारी है । हम उन्हें इज़्ज़त से याद करेंगे तो यह हमारी अच्छाई है, बुरा ही बुरा कहेंगे,तो यह हमारी बुराई है । राजीव भारत माता के सच्चे पुत्र साबित हो चुके हैं और अब कुछ भी साबित होने को नही रह गया है, जिसे जो जी चाहे वह कहे,जिसके दामन में फूल हैं, वह फूल बरसाए,जिसके दामन में कीचड़ है, वह कीचड़ ही उछाले, शहीद राजीव पर इन दोनों से फर्क नही पड़ता,राजीव पहाड़ जैसे काम करके जा चुके, आज के रोज़ उनको कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से श्रद्धांजलि... 

                   
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